'स्पष्ट कर कर देना चाहता हूं न्यायपालिका सिर्फ और सिर्फ संविधान के प्रति जवाबदेह', CJI की राजनीतिक दलों को दो टूक

CJI एनवी रमणा ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और अमेरिका अपनी विविधता के लिए जाने जाते हैं, जिसका सम्मान करने और विश्व में इसे आगे बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ''ऐसा सिर्फ इसलिए है कि अमेरिका विविधता का सम्मान करता है, इसी कारण आप सब इस देश में पहुंच सके हैं.''

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CJI ने सैन फ्रांसिस्को में एसोसिएशन ऑफ इंडो-अमेरिकन के कार्यक्रम को संबोधित किया (फाइल फोटो) CJI ने सैन फ्रांसिस्को में एसोसिएशन ऑफ इंडो-अमेरिकन के कार्यक्रम को संबोधित किया (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:58 PM IST
  • एनवी रमणा ने भारतीयों-अमेरिकियों को किया संबोधित
  • समाज के बिगड़ते माहौल, सरकारों के रुख पर जताई चिंता

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा ने शनिवार को राजनीतिक दलों पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि भारत में सत्ताधारी पार्टी चाहती हैं कि न्यायालय उनके फैसलों का समर्थन करे. वहीं विपक्षी दल उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका उनके राजनीतिक रुख और उद्देश्यों को आगे बढ़ाएगी. उन्होंने कहा कि यह केवल गलत सोच संविधान और लोकतांत्रिक संस्थाओं के कामकाज के बारे में लोगों की समझ के अभाव के चलते है. 

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सैन फ्रांसिस्को में एसोसिएशन ऑफ इंडो-अमेरिकन की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में सीजेआई ने कहा कि आम लोगों के बीच इस अज्ञानता को बढ़ावा देने से उन ताकतों को बल मिलता है, जिनका लक्ष्य स्वतंत्र इकाइयों जैसे न्यायपालिका की आलोचना करना है लेकिन मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम संविधान और सिर्फ संविधान के प्रति जवाबदेह हैं.

बांटने वाले मुद्दों से दूर रहने की जरूरत

सीजेआई ने कहा कि हमें खुद को बांटने वाले मुद्दों के बजाए एकजुट करने वाले मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. हम 21वीं सदी में छोटे, संकीर्ण और विभाजनकारी मुद्दों को इंसान और सामाज पर हावी नहीं होने दे सकते. हमें मानव विकास पर ध्यान केंद्रित रखने के लिए ऐसे सभी मुद्दों से ऊपर उठना होगा.

नफरत-हिंसा से मुक्त होना चाहिए समाज

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सीजेआई ने प्रवासियों से कहा कि लोग भले ही करोड़पति-अरबपति बन गए हों लेकिन धन का सुख पाने के लिए उन्हें भी अपने आसपास शांति चाहिए होगी. उन्होंने कहा कि आपके माता-पिता के लिए भी घर पर (स्वदेश में) नफरत और हिंसा से मुक्त एक शांतिपूर्ण समाज होना चाहिए. अगर आप स्वदेश में अपने परिवार और समाज की भलाई का ध्यान नहीं रख सकते हैं तो आपकी दौलत और स्टेटस का क्या फायदा? आपको अपने तरीके से अपने समाज में बेहतर योगदान करना होगा. 

संविधान से मिली जिम्मेदारियों को नहीं समझ पा रहे

सीजेआई ने कहा कि हम इस साल आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. देश को आजाद हुए 72 साल हो गए हैं लेकिन अफसोस के साथ मैं यह कहना चाहूंता हूं कि हम संविधान द्वारा हर संस्थान को सौंपी गई भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को नहीं समझ पाए हैं.

सीजेआई ने कहा कि संविधान में दी गई नियंत्रण और संतुलन की व्यवस्था को लागू करने के लिए हमें भारत में संवैधानिक संस्कृति को बढ़ावा देने की जरूरत है. हमें व्यक्तियों और संस्थाओं की भूमिकाओं को लेकर जागरूकता फैलाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, 'भारत के संविधान के तहत जनता को हर पांच साल में अपना शासक चुनने की जिम्मेदारी दी गई है. भारत के लोगों ने अब तक उल्लेखनीय काम किया है. शहरी, शिक्षित और अमीर मतदाताओं की तुलना में ग्रामीण भारत में मतदाता इस जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं.''

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