कोरोना ने डाला रंग में भंग, जयपुर के गुलाल गोटे का बाजार फीका

होली खेलने के लिए दुनियाभर में मशहूर जयपुर के गुलाल गोटे की दुकानें सज तो गई हैं, लेकिन दुकानदार कह रहे हैं कि कोरोना के साये में इस बार बाजार फीका है.

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सूनी पड़ी गुलाल गोटे की दुकान सूनी पड़ी गुलाल गोटे की दुकान

शरत कुमार

  • जयपुर,
  • 21 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 1:28 PM IST
  • राजस्थान के होली टूरिज्म को भी नुकसान
  • प्रदेश सरकार ने रद्द किया होली कार्यक्रम

होली खेलना है जरूरी, बस बनाए रखें दो गज की दूरी. इस बार जयपुर के पारंपारिक गुलाल गोटा की दुकानें सज गई हैं. होली खेलने के लिए दुनियाभर में मशहूर जयपुर के गुलाल गोटे की दुकानें सज तो गई हैं, लेकिन दुकानदार कह रहे हैं कि कोरोना के साये में इस बार बाजार फीका है. आमेर के समय से अब तक, जयपुर का एक मुस्लिम परिवार पिछले तीन सौ साल से यह गुलाल गोटा बना रहा है.

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पीपल की गोंद और लाख से बनने वाला जयपुर का यह पारंपरिक गुलाल गोटा कोरोना काल में होली खेलने के लिए सबसे अच्छा जरिया है. अमजद खान और अंजुम इन दिनों सुबह से लेकर शाम तक गुलाल कोटा बनाने में लगे रहते हैं.

पीपल की गोंद और लाख को आग पर सेंककर सांचे से फुलाकर उसमें रंग भरा जाता है. यह इतना नाज़ुक होता है कि किसी के शरीर पर फेंकने की स्थिति में शरीर से लगते ही रंग पूरे शरीर पर बिखर जाता है. राजे-रजवाड़ों के शहर जयपुर में आमेर के समय में हाथी पर बैठकर राजा जनता के ऊपर यह गुलाल गोटा फेंककर होली खेला करते थे.

गुलाल गोटा बनाने वाले परिवार से आने वाले अमजद खान और अंजुम इन दिनों रोजाना सुबह से शाम तक 30 से 40 गुलाल गोटा बना ले रहे हैं. अमजद और अंजुम की तरह ही अपने परिवार के साथ और लोग भी गुलाल गोटा बनाने का काम करते हैं.

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गुमान खान का कहना है कि 300 साल पहले हमारे परिवार ने यह काम शुरू किया था और सात पीढ़ियों में यह परिवार अब जयपुर में एक मोहल्ले के रूप में तब्दील हो चुका है. वह कहते हैं कि इसे बनाने में काफी सावधानी बरतनी पड़ती है. होली के बाजार के बारे में कहते हैं कि इस बार कोरोना की वजह से 25 फीसदी ही व्यापार रह गया है.

बाजार से गायब रंग-पिचकारी

जयपुर के बाजार में भी इस बार रंग और पिचकारियां बाजार से गायब हैं. थोक विक्रेताओं के यहां भी रंग खरीदने के लिए खुदरा ग्राहक पहुंच रहे हैं. दुकानदार कहते हैं कि थोक में पहले जहां रंगों के कट्टे और बोरे बेचा करते थे, वहां लोग पैकेट लेकर जा रहे हैं. कोरोना ने रंग में भंग कर दिया है.

गौरतलब है कि जयपुर अपनी शाही होली के लिए दुनियाभर में मशहूर है. दुनिया के कोने-कोने से पर्यटक यहां होली खेलने के लिए आते हैं, लेकिन इस बार जयपुर का होली टूरिज्म भी सूना पड़ा हुआ है. राजस्थान सरकार ने तो रिश्तों के होली कार्यक्रम को रद्द कर दिया है.

 

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