राहुल गांधी का गुरुद्वारे में सम्मान... 'मर्यादा' तोड़ने के लिए दो कर्मचारी सस्पेंड

पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर गए राहुल गांधी को अमृतसर के गुरुद्वारा में सम्मानित करने पर SGPC ने तीन कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की. SGPC ने इसे धार्मिक आचार संहिता का उल्लंघन बताया और कथावाचक और सेवक को निलंबित कर दिया और ग्रंथी की सेवा अस्थायी तौर पर समाप्त कर दी.

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राहुल गांधी को सम्मान देने के मामले में SGPC ने कहा कि कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई (Photo: PTI) राहुल गांधी को सम्मान देने के मामले में SGPC ने कहा कि कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:50 PM IST

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को गुरुद्वारा में सम्मान करना तीन कर्मचारियों पर भारी पड़ा है. राहुल 15 सितंबर को पंजाब में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए किए गए हुए थे. अमृतसर के ऐतिहासिक गुरुद्वारा बाबा बूढ़ा साहिब - रामदास में उनका काफिला रुका. यहां उन्होंने मत्था टेका. इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों की ओर से सीरोपा गिफ्ट के तौर पर दिया गया. सीरोपा एक तरह का सम्मान का प्रतीक वस्त्र होता है. 

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सीरोपा गिफ्ट किए जाने को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने आपत्ति ज़ाहिर की और मामले में सख्त कार्रवाई की. SGPC ने बुधवार को बताया कि कर्मचारियों ने धार्मिक आचार संहिता का उल्लंघन किया है, जिसके तहत तीन कर्मचारियों के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई.

तीन कर्मचारी दोषी पाए गए

SGPC सचिव प्रताप सिंह ने बताया कि जांच में पाया गया कि कथावाचक भाई पलविंदर सिंह, सेवक भाई हरविंदर सिंह और ग्रंथी भाई कुलविंदर सिंह को दोषी पाया गया. कथावाचक और सेवक को निलंबित कर दिया गया और ग्रंथी की सेवा को अस्थायी रूप से समाप्त कर दी गई है. 

धार्मिक आचार संहिता उल्लंघन का मामला

जांच में सामने आया कि राहुल गांधी गुरुद्वारे के दरबार हॉल में स्थित निर्धारित प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश कर गए थे. इस क्षेत्र में कुछ विशेष लोग ही प्रवेश कर सकते हैं. जैसे - ग्रंथी, सेवक और निर्धारित कर्मचारी. 

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यह भी पढ़ें: राहुल गांधी को सिरोपा दिए जाने पर विवाद तो होना ही था

साथ ही, राहुल को सीरोपे दिए जाने को भी ग़लत बताया गया. SGPC की कार्यकारी समिति को पहले से ही यह समझाया जा चुका है कि किसी VVIP को दरबार हॉल में सम्मानित नहीं किया जाएगा.

SGPC ने साफ किया कि गुरुद्वारों में किसी भी राजनीतिक या खास व्यक्ति को सिरोपा देना पूरी तरह मना है और इसका सम्मान केवल धार्मिक हस्तियों तक सीमित है.

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