पंजाब में 424 लोगों की VIP सुरक्षा फिर होगी बहाल, कोर्ट ने लगाई आप सरकार को फटकार

अभी के लिए कोर्ट ने 424 लोगों की सुरक्षा फिर बहाल करने का फैसला किया है. 7 जून से उन सभी की सुरक्षा फिर बहाल हो जाएगी. सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी तरफ से सिर्फ एक सीमित अवधि के लिए उन VIP की सुरक्षा हटाई गई थी.

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सीएम भगवंत मान सीएम भगवंत मान

ललित शर्मा

  • चंडीगढ़,
  • 02 जून 2022,
  • अपडेटेड 5:28 PM IST

पंजाब में सिंगर सिद्धू मेसूवाला की हत्या के बाद उनकी सरक्षा को हटाए जाना बड़ा मुद्दा बन गया है. उनकी हत्या से एक दिन पहले ही पंजाब सरकार ने 424 लोगों की सुरक्षा वापस ली थी. लेकिन अब कोर्ट द्वारा पंजाब सरकार को फटकार पड़ी है. इस बात पर भी नाराजगी जताई गई है कि सुरक्षा वापस लेने वाली लिस्ट लीक कर दी गई. 

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अभी के लिए कोर्ट ने 424 लोगों की सुरक्षा फिर बहाल करने का फैसला किया है. 7 जून से उन सभी की सुरक्षा फिर बहाल हो जाएगी. सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी तरफ से सिर्फ एक सीमित अवधि के लिए उन VIP की सुरक्षा हटाई गई थी. लेकिन कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अगर किसी की सुरक्षा को हटाना भी है तो पहले परिस्थितियों की सही समीक्षा की जाए, सभी पहलुओं पर मंथन हो, उसके बाद ही ऐसा कोई फैसला लिया जाए.

जानकारी के लिए बता दें कि पंजाब सरकार ने पिछले महीने 424 वीआईपी लोगों की सुरक्षा पर कैची चलाई थी. उसमें डेरामुखी सहित कई सेवानिवृत्त अधिकारी शामिल थे. शिअद के वरिष्ठ नेता चरण जीत सिंह ढिल्लों, बाबा लाखा सिंह, सतगुरु उधय सिंह, संत तरमिंदर सिंह शामिल की सुरक्षा भी हटा दी गई थी. सिद्धू मूसेवाला की भी सुरक्षा वापस हुई थी. उस समय सरकार का तर्क था कि राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त जवानों की जरूरत थी, इसी वजह से रिव्यू मीटिंग के बाद 424 लोगों की सुरक्षा वापस ली गई.

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इससे पहले अप्रैल महीने में भी भगवंत सरकार ने 184 वीआईपी लोगों की सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया था. तब पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्री सहित कई विधायकों की सुरक्षा पर कैची चली थी. लेकिन उनके उस एक फैसले ने पंजाब की राजनीति में बड़ा उबाल ला दिया है और कुछ महीने पहले ही सत्ता में आई भगवंत सरकार के सामने चुनौतियों का अंबार खड़ा हो गया है.

इन चुनौतियों के बीच सीएम भगवंत मान ने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की है. किन मुद्दों पर बात हुई, अभी तक स्पष्ट नहीं, लेकिन क्योंकि मूसेवाला की हत्या के बाद ये पहली मुलाकात रही, ऐसे में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं. पंजाब में कानून व्यवस्था को फिर दुरुस्त करना आप का चुनाव के दौरान एक बड़ा वादा था. लेकिन सरकार में आने के बाद से ही कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे उसी दावे पर सवाल उठने लगे हैं.

बेअदबी का मामला रहा हो या फिर मोहाली अटैक, लगातार हो रहीं हत्याओं का मामला हो या फिर भ्रष्टाचार, कई मुद्दों पर सरकार खुद को असमंजस में पा रही है.

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