लुधियाना वेस्ट उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की है. राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने इस सीट पर जीत हासिल की है. पंजाब में AAP के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन गया था, खासकर पार्टी में आंतरिक असंतोष और नेतृत्व को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच. संजीव अरोड़ा ने करीब 11 हजार वोटों के अंतर से जीत दर्ज की, उन्हें कुल 35 हजार से अधिक वोट मिले. वहीं कांग्रेस और बीजेपी ने क्रमश: 25 हजार और 20 हजार वोट हासिल कर उन्हें कड़ी टक्कर दी.
इस उपचुनाव में कुल 14 उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन मुकाबला तीन प्रमुख पार्टियों के बीच ही हुआ. यहां मतदान 19 जून को हुआ था, जिसमें कुल 1.74 लाख वोटरों में से 51.33% ने मतदान किया था. संजीव अरोड़ा एक जाने-माने उद्योगपति हैं. वह अब पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होने जा रहे हैं. वहीं आम आदमी पार्टी उनकी जगह राज्यसभा में किसी नए चेहरे को भेजने की योजना बना रही है.
आम आदमी पार्टी ने लगाया पूरा जोर
AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस चुनाव को बेहद गंभीरता से लिया था. उन्होंने अरोड़ा को मंत्री पद देने का वादा किया था और यहां तक कहा था कि अगर पार्टी हारती है तो विकास कार्य रुक जाएंगे. पार्टी ने इस चुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी. AAP नेता मनीष सिसोदिया खुद ग्राउंड पर कैंपेन संभाल रहे थे.
कांग्रेस में इस हार ने पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी को उजागर किया है. पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु और चरणजीत चन्नी गुट ने सक्रियता दिखाई, जबकि प्रताप बाजवा और राजा वड़िंग खेमा चुनाव से दूरी बनाए हुए थे. अब कांग्रेस में आगे और राजनीतिक खींचतान बढ़ने के आसार हैं.
प्रदर्शन के आधार पर नई रणनीति तैयार करेगी बीजेपी
भाजपा भले ही जीत की उम्मीद नहीं कर रही थी, लेकिन उसने नए चेहरे को उतारकर AAP को कड़ी टक्कर दी. पार्टी अब इस प्रदर्शन के आधार पर पंजाब में अपनी रणनीति तैयार करेगी. यह उपचुनाव केवल एक जीत नहीं है, बल्कि आने वाले वर्षों में पंजाब की राजनीति की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है.
क्यों अहम है यह चुनाव?
AAP: 2027 विधानसभा चुनाव से पहले जनसमर्थन की पुष्टि और पंजाब में केंद्रीय नेतृत्व को मजबूती.
कांग्रेस: हार से आंतरिक सत्ता का संघर्ष और गहरा हो गया.
बीजेपी: भविष्य की रणनीति के लिए एक मजबूत आधार.
अकाली दल (SAD): सुखबीर बादल के नेतृत्व में पुनर्जीवन के बाद समर्थन आधार का परीक्षण.
अमन भारद्वाज