पंजाब की राजनीति में बड़ा झटका तब लगा जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में माननीय अदालत ने नोटिस जारी किया. मामला आम आदमी पार्टी की पटियाला महिला विंग की पूर्व प्रधान श्वेता जिंदल की शिकायत पर आधारित है.
श्वेता जिंदल ने अदालत में दायर शिकायत में आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह, उनके पुत्र और कार्यालय इंचार्ज ने उनके साथ अनुचित व्यवहार किया. उन्होंने बताया कि उन्हें पार्टी में काउंसलर की टिकट का लालच देकर मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा.
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शिकायत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 114, 115(2), 56, 61, 74, 75(1)(i)(ii), 76, 78, 79, 351(1-4), 356(1-2) और 3(5) के तहत दर्ज की गई है. अदालत ने इसे पंजीकृत करने और सुनवाई प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए हैं.
आरोपी को अपना पक्ष रखने के लिए जारी किया गया नोटिस
नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि बीएनएसएस 2023 की धारा 223(1) के तहत आरोपी को अपना पक्ष रखने का अवसर मिलेगा. फिलहाल इसे "समन" नहीं माना जाएगा. समन आदेश पारित होने के बाद ही आरोपी की व्यक्तिगत उपस्थिति और जमानत का मामला उठेगा.
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23 अक्टूबर को होगी मामले की सुनवाई
अदालत ने अगली सुनवाई 23 अक्टूबर 2025 तय की है और सभी आरोपी पक्षों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. राजनीतिक गलियारों में इस खबर ने हलचल मचा दी है. स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी की छवि पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और विपक्ष ने इसे राज्य में बड़ा मुद्दा बना लिया है.
कमलजीत संधू