पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को 36 साल पूर्व इंडियन एअरलाइन के एक विमान को हाईजैक करके लाहौर ले जाने पर दोहरी सज़ा झेलने की संभावनाओं का सामना करने वाले दो सिक्खों को कानूनी मदद देने के लिए राज्य की कानूनी सहायता टीम को निर्देश जारी किए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे अगवा की घटना निंदनीय हो, परन्तु उसी अपराध के लिए पाकिस्तान में उम्र कैद भुगत चुके दोनों सिखों के खि़लाफ दोबारा कानूनी कार्यवाही की कोशिश करना न्याय के साथ गंभीर खिलवाड़ होगा.उन्होंने कहा कि यह दोहरी सज़ा देने के बराबर होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ज़रूरत पड़ने पर दोनों सिक्खों को कानूनी सहायता देने के लिए गृह विभाग की कानूनी सहायता टीम को हिदायत दी गई है.
अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह केस की व्यवस्थाओं में नहीं जाना चाहते हैं. क्योंकि यह केस अदालती प्रक्रिया के अधीन है. उन्होंने कहा कि 36 साल का समय बहुत लंबा होता है. ख़ासतौर पर तब जब यह माना गया है कि उनकी उम्र कैद 14 साल से अधिक नहीं होगी.
मालूम हो कि साल 1981 में श्रीनगर जा रहे इंडियन एअरलाइन के विमान को हाईजैक कर लिया गया था और पाकिस्तान के लाहौर ले जाया गया था. इसमें 107 यात्री और चालक दल के छह सदस्यों सवार थे. अगवा करने वालों में गजिंदर सिंह, करन सिंह, सतनाम सिंह, जसबीर सिंह और तेजिंदर पाल सिंह शामिल थे, जिनको लाहौर (पाकिस्तान) में तीन सितंबर 1981 को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद इनको विशेष अदालत की तरफ से उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई थी.
सतेंदर चौहान