पंजाब सरकार ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 4,727 दलित परिवारों द्वारा लिए गए कुल 68 करोड़ रुपये के कर्ज माफ करने की मंजूरी दे दी. मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह कर्ज पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास एवं वित्त निगम से विभिन्न कार्यों जैसे दुकान खोलने, डेयरी पालन आदि के लिए लिया गया था. यह ऋण 31 मार्च 2020 तक लिया गया था, और अब उसे पूरी तरह माफ किया जा रहा है.
सीएम मान ने बताया कि यह कदम राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो दलित समुदाय के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मार्च में पेश किए गए बजट भाषण में इस कर्जमाफी का वादा किया था, जिसे अब कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद लागू किया जा रहा है.
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यह कर्ज पिछले 20 वर्षों से लंबित था और इसमें मूलधन के साथ-साथ ब्याज और दंडात्मक ब्याज भी शामिल है. उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस और अकाली दल-भाजपा सरकारों ने इस वर्ग की परवाह नहीं की, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपना वादा निभाते हुए इस बोझ से परिवारों को राहत दी है.
मंत्री चीमा ने इसे अनुसूचित जाति समुदाय के लिए एक बड़ी राहत बताया और कहा कि यह निर्णय सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक ठोस कदम है.
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