पंजाब की राजनीति में नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है. जब से पंजाब में कांग्रेस की करारी हार हुई है, पंजाब कांग्रेस के ही कई नेता सिद्धू को इसके लिए जिम्मेदार मान रहे हैं. ऐसी खबर भी है कि नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ अनुशासनहीनता के लिए कार्रवाई की जा सकती है.
अब इन सभी अटकलों के बीच पिछले कुछ दिनों में नवजोत सिंह सिद्धू की राजनीतिक गतिविधियों ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है. हाल ही में सिद्धू ने रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात की. वो मुलाकात भी तब की गई जब प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में जाने का ऑफर ठुकरा दिया और बिहार में एक नई राजनीतिक पारी शुरू करने की बात कही. ऐसे में जब सिद्धू ने पीके से मुलाकात की, तो कहा जाने लगा कि शायद वे किसी प्लान बी पर विचार कर रहे हैं.
क्या होगा प्लान B?
ये प्लान बी क्या होने वाला है, स्पष्ट नहीं, लेकिन ऐसी संभावना है कि वे अपने 'पुराने दोस्त' से हाथ मिला सकते हैं. दरअसल जब नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी, तब उन्होंने कहा था कि पुरानी शराब, पुराना सोना और पुराने दोस्त आज भी सबसे बढ़िया लगता है. उनका ये कहना ही राजनीतिक गलियारों में अटकलों को बढ़ावा दे गया था. अभी तक सिद्धू के आगे की रणनीति की कोई जानकारी नहीं है, लेकिन उनके ऐसे कदम कुछ संकेत जरूर दे रहे हैं.
वैसे इस सब के अलावा सिद्धू द्वारा एक बार पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान की तारीफ भी की जा चुकी है. उनकी तरफ से कहा गया है कि मान उनके छोटे भाई जैसे हैं और अगर वे पंजाब में माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगे तो वे उनका साथ जरूर देने वाले हैं. पंजाब कांग्रेस के कई नेता उनके इस बयान से खफा नजर आए थे.
अकाली से प्रभावित थी कांग्रेस...
लेकिन सिद्धू सिर्फ यही पर नहीं रुके. उनकी तरफ से कांग्रेस को आईना भी दिखाया गया. जोर देकर कहा गया कि कांग्रेस के समय पंजाब में माफियाओं का राज था. माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. उनके मुताबिक उस समय पंजाब में चल रही कांग्रेस सरकार अकाली से काफी ज्यादा प्रभावित थी.
अब सिद्धू के इन बयानों ने ही उन्हें पंजाब कांग्रेस की नजर में ' विलेन' बना दिया है. इसी का नतीजा है कि पीसीसी चीफ अमरिंद सिंह राजा की तरफ से कांग्रेस हाईकमान को एक चिट्ठी लिखी गई है. उस चिट्ठी में सिद्धू के खिलाफ एक्शन की मांग की गई है. कहा गया है कि उनके ऐसे बयानों की वजह से पंजाब में पार्टी कमजोर हुई है. ऐसी खबर है कि जल्द ही सोनिया गांधी भी अनुशासन समिति की बैठक बुला सकती हैं. उस बैठक में सिद्धू के भविष्य पर कोई फैसला संभव है.
अगर फैसला उनके खिलाफ आता है, ऐसी परिस्थिति में नवजोत सिंह सिद्धू किसी प्लान बी पर विचार कर सकते हैं. बस नजर इस पर है कि वो प्लान बी बगावत के रास्ते से निकलता है या फिर बातचीत के जरिए सब कुछ फिर पटरी पर लाने पर जोर दिया जाता है.
मनजीत सहगल