गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस पर राज्यव्यापी रक्तदान अभियान की शुरुआत करेगी पंजाब सरकार

25 नवंबर की सुबह मुख्यमंत्री भगवंत मान की मौजूदगी में अखंड पाठ साहिब का भोग होगा. यह भोग तीन दिन की उस निरंतर अरदास का प्रतीक है जो गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को सम्मान और श्रद्धा के साथ समर्पित है.

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 पंजाब की भगवंत मान सरकार ने लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बड़े पैमाने पर प्रबंध किए हैं. (File Photo- PTI) पंजाब की भगवंत मान सरकार ने लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बड़े पैमाने पर प्रबंध किए हैं. (File Photo- PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:41 PM IST

श्री आनंदपुर साहिब में 23 नवंबर से शुरू होने जा रहा गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस का भव्य समागम पूरे पंजाब में श्रद्धा और भावनाओं का एक अद्भुत माहौल बना चुका है. पंजाब सरकार ने इस दिन को सिर्फ आध्यात्मिक नहीं, बल्कि मानव सेवा, प्रकृति संरक्षण और 'सरबत दा भला' की असली भावना के रूप में तैयार किया है. 25 नवंबर की सुबह मुख्यमंत्री भगवंत मान की मौजूदगी में अखंड पाठ साहिब का भोग होगा. यह भोग तीन दिन की उस निरंतर अरदास का प्रतीक है जो गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को सम्मान और श्रद्धा के साथ समर्पित है.

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इसके बाद पंजाब सरकार राज्यव्यापी रक्तदान अभियान की शुरुआत करेगी. सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि गुरु साहिबान की शिक्षाएं सिखाती हैं कि मानवता से बढ़कर कोई धर्म नहीं. रक्तदान, जीवनदान है और 25 नवंबर को पूरे पंजाब में एक साथ होने वाला यह अभियान इस बात का जीवंत स्वरूप है कि सिख पंथ आज भी मानव सेवा की उसी परंपरा पर चल रहा है. इसके बाद पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर 3.50 लाख पौधों के राज्यव्यापी पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा.

गुरबानी कीर्तन से लेकर 'सरबत दा भला एकता केंद्र' तक के कार्यक्रम इस दिन की आध्यात्मिक गहराई को और बढ़ा देंगे. भगवंत मान सरकार ने कहा कि सरबत दा भला सिख धर्म की वह मूल आत्मा है जिसमें पूरे मानव समाज की भलाई की कामना की जाती है. इसी भावना के तहत 25 नवंबर को एक बड़ा राज्यव्यापी अंगदान प्रतिज्ञा अभियान रखा गया है. यह समाज को वह संदेश देता है कि दूसरों को जीवन देना ही सबसे बड़ा धर्म है.

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शाम को विरासत-ए-खालसा में होने वाला भव्य ड्रोन शो इस तीन दिवसीय समागम का सुंदर समापन करेगा. रोशनी और तकनीक के माध्यम से गुरु साहिब की शहादत, खालसा पंथ की विरासत और पंजाब की परंपरा को आधुनिक रूप में प्रस्तुत किया जाएगा.

श्रद्धालुओं के लिए व्यापक इंतजाम

पंजाब सरकार ने लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बड़े पैमाने पर प्रबंध किए हैं. सभी पार्किंग स्थलों से गुरुद्वारा श्री केसरगढ़ साहिब, विरासत-ए-खालसा, मुख्य पंडाल और अन्य स्थानों तक शटल सेवाएं रहेंगी.

पार्किंग क्षेत्रों में CCTV, रोशनी, बैरिकेडिंग, ट्रैफिक मार्शल, साइन बोर्ड और मोबाइल टॉयलेट्स लगाए गए हैं.

आवागमन के लिए 500 ई-रिक्शा, 150 मिनी बसें, 25 अर्बनिया वैन, 15 कारें, 20 टाटा ऐस वाहन और वरिष्ठ नागरिकों व दिव्यांगों के लिए 10 गोल्फ कार्ट तैनात रहेंगे.

सभी गतिविधियों की निगरानी मुख्य नियंत्रण केंद्र से होगी. दो बड़े टेंट सिटी, जिनमें करीब 10,000 श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की गई है. 24×7 चिकित्सा सुविधाएं और पूरी तरह सुसज्जित एम्बुलेंस रहेगी. सुरक्षा के लिए 8,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.

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