जालंधर में स्टेडियम पर संग्राम, दर्शन सिंह KP Stadium को लेकर पार्षद और संस्था आमने-सामने

जालंधर के मीठापुर गांव में दर्शन सिंह केपी स्टेडियम को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. स्थानीय लोगों और यूथ स्पोर्ट्स क्लब संस्था के बीच स्टेडियम पर मालिकाना हक और प्रवेश शुल्क को लेकर टकराव है. पार्षद बलराज ठाकुर ने इसे पब्लिक प्रॉपर्टी बताया और नगर निगम में शिकायत दी है, जबकि संस्था ने जमीन पर हक जताया है.

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प्रतीकात्मक फोटो. (Meta AI) प्रतीकात्मक फोटो. (Meta AI)

aajtak.in

  • जालंधर,
  • 30 जून 2025,
  • अपडेटेड 9:06 PM IST

पंजाब के जालंधर जिले के मीठापुर गांव में स्थित दर्शन सिंह केपी स्टेडियम (KP Stadium) को लेकर गंभीर विवाद खड़ा हो गया है. यह विवाद स्थानीय पार्षद बलराज ठाकुर, नगर निगम और यूथ स्पोर्ट्स क्लब संस्था के बीच पब्लिक प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक और प्रवेश शुल्क को लेकर गहराता जा रहा है.

दरअसल, स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यूथ स्पोर्ट्स क्लब संस्था स्टेडियम में प्रवेश के लिए शुल्क वसूल रही है. जिन नागरिकों के पास शुल्क देने के लिए पैसे नहीं हैं, उन्हें स्टेडियम में आने से रोक दिया जाता है. लोगों का कहना है कि 1 जुलाई से उन्हें स्पष्ट रूप से कह दिया गया है कि बिना पैसे दिए वे स्टेडियम में प्रवेश नहीं कर पाएंगे.

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इससे सीनियर सिटीजन और आम नागरिकों में नाराजगी है. उन्होंने इसे एक सार्वजनिक संपत्ति बताते हुए पार्षद को इस बाबत शिकायत भी दर्ज करवाई है. पार्षद बलराज ठाकुर ने बताया कि उन्होंने जालंधर नगर निगम कमिश्नर को शिकायत सौंपी है. उनका कहना है कि यह स्टेडियम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सार्वजनिक उपयोग के लिए बनाया गया है.

इसलिए किसी को यहां प्रवेश से रोका नहीं जा सकता. उन्होंने संस्था द्वारा लगाए गए आदेशों को अवैध और मनमाना करार दिया. बलराज ठाकुर ने यह भी कहा कि संस्था का न तो स्टेडियम पर मालिकाना हक है और न ही कोई कानूनी अनुबंध या अनुमति. बता दें कि स्थिति अब तनावपूर्ण होती जा रही है और इस विवाद को लेकर प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग बढ़ रही है.

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वहीं, संस्था के जनरल सेक्रेटरी रविंद्र सिंह का कहना है कि यह स्टेडियम जिस जमीन पर बना है, वह 54 परिवारों ने गांव की पंचायत को दी थी. उनके अनुसार इस पर उनका मालिकाना अधिकार है. उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्टेडियम उनकी सहमति से ही बना है और रखरखाव के लिए संस्था को कदम उठाने पड़ेंगे.

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(इनपुट- दविंदर कुमार)

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