चंडीगढ़ में बिजलीकर्मियों की हड़ताल से 'ब्लैकआउट', संकट दूर करने को बुलानी पड़ी इंडियन आर्मी

Chandigarh electricity crisis: बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ सोमवार आधी रात से बिजलीकर्मी 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए थे. फिलहाल, बिजली संघ ने हड़ताल वापस ले ली है. बिजलीकर्मियों के हड़ताल पर जाने से पूरे शहर की बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी. लोगों की कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा था.

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सांकेतिक तस्वीर. सांकेतिक तस्वीर.

कमलजीत संधू

  • चंडीगढ़,
  • 23 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:32 PM IST
  • चंडीगढ़ में हड़ताल कर रहे थे बिजली कर्मचारी
  • कर्मचारियों की हड़ताल के कारण बिजली आपूर्ति थी ठप्प

चंडीगढ़ में बिजली संकट दूर हो गया है. बिजली संघ ने हड़ताल को वापस ले लिया है. केंद्र शासित प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बिजली आपूर्ति सामान्य हो गई है. बिजली कर्मचारियों की प्रशासन के साथ बैठक खत्म हो गई. बैठक के बाद बिजली कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि हमारी मांगों पर सहमति बन गई है. धरना स्थल पर जाकर हड़ताल खत्म करने का औपचारिक ऐलान करेंगे.

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उधर, इससे पहले बिजली संकट को दूर करने के लिए भारतीय सेना आगे आई थी. इंजीनियरों के साथ भारतीय सेना के करीब 100 से अधिक जवान जुटे हुए थे. भारतीय सेना का कहना था कि लगभग 80 पावर सेंटर को बहाल कर दिया गया है. सेना ने बिजली व्यवस्था का बहाल करने के लिए दिल्ली, जालंधर और अन्य जगहों से टीमों को बुलाया था. 

जम्मू के बाद यह दूसरी बार है, जब इस तरह की स्थिति में सेना को आगे आना पड़ा. बता दें कि बिजली विभाग के कई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे जिसके चलते चंडीगढ़ में बिजली का संकट गहरा गया था. बिजली व्यवस्था को बहाल करने के लिए चंडीगढ़ के उपराज्यपाल ने सेना से अनुरोध किया था. 

बिजली विभाग के प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ 21 फरवरी को बिजलीकर्मी अचानक हड़ताल पर चले गए थे. इसके चलते चंडीगढ़ को ब्लैकआउट का सामना करना पड़ रहा था. बिजली न होने के कारण लोगों को कई तरह की समस्याओं को सामना कर पड़ रहा है.

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दरअसल, सोमवार को अचानक बिजलीकर्मी 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए. बिजलीकर्मियों की ये हड़ताल केंद्र सरकार द्वारा चंडीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण की फाइल को क्लीयर कर बिजली का काम निजी कंपनी एमीनेंट को देने के खिलाफ थी. यूनियन का आरोप है कि प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर बिजली विभाग का निजीकरण किया है. कर्मचारी इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे थे.

कई इलाकों में पानी की भी किल्लत

बिजलीकर्मियों की हड़ताल के कारण ज्यादातर इलाकों में आधी रात को ही बिजली चली गई और मंगलवार तक नहीं आई. प्रशासन और बिजली विभाग की नाकामी से सभी व्यवस्थाएं धरी रह गईं, जिससे हाहाकार मच गया. बिजली न होने के कारण कई इलाकों में लोगों को पानी की किल्लत का भी सामना करना पड़ा. 

ऑनलाइन क्लास और वर्क फ्रॉम होम हुआ प्रभावित

बिजली की आपूर्ति न होने के कारण वर्क फ्रॉम होम कर रहे लोगों को काफी परेशानी हुई. पूरे दिन बिजली नहीं आने की वजह से बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं भी प्रभावित हुईं. इन दिनों यूनिवर्सिटी व कॉलेजों की परीक्षाएं चल रही हैं. बिजली जाने की वजह से परीक्षाएं भी प्रभावित हुईं. 

अब 6 महीने तक हड़ताल नहीं कर सकेंगे कर्मचारी

लोगों की परेशानियों को देखते हुए प्रशासन ने बिजली विभाग के कर्मचारियों के लिए पूर्वी पंजाब एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) 1968 लागू कर दिया. इसके तहत छह माह तक बिजली विभाग के कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकेंगे.

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