पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले को फांसी की सजा सुनाई गई है. दोषी को पुलिस ने वारदात के एक सप्ताह में ही अरेस्ट कर लिया था. दोषी को बिहार से गिरफ्तार किया गया था.
जिला अदालत ने सुनाया दोषी को फांसी का फैसला
आठ साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले को जिला अदालत ने फांसी की सजा सुनाई. दोषी की पहचान हीरा लाल उर्फ गुड्डू के रूप में हुई है. वह बच्ची के पड़ोस में ही रहता था. पिछले साल पुलिस ने उसके खिलाफ दुष्कर्म, पाक्सो एक्ट और हत्या की धारा के तहत केस दर्ज किया था.
फास्ट ट्रैक कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
चंडीगढ़ की फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को हल्लोमाजरा में आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में 41 वर्षीय हीरा लाल गुड्डू को फांसी की सजा सुनाई, यह चंडीगढ़ का पहला मामला ऐसा सामने आया है जिसमे फांसी की सज़ा सुनाई गई है.
डंपिंग साइट से मिला था बच्ची का शव
दरअसल पुलिस ने 21 और 22 जनवरी, 2024 की रात को एक डंपिंग साइट के पास गला रेतकर और कई चाकू घोंपकर हत्या की हालत में बच्ची का शव मिलने के बाद मामला दर्ज किया था. 19 जनवरी को बच्ची के लापता होने के तीन दिन बाद शव बरामद किया गया था. पीड़िता का अर्धनग्न शव हल्लोमाजरा में उसके घर के पास कूड़े के ढेर के नीचे छिपा हुआ मिला था. पोस्टमार्टम में दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी.
सीसीटीवी और सबूतों से आरोपी की पहचान
इलाके के सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को आरोपी को पकड़ने में मदद मिली. घर-घर जाकर तलाशी लेने पर बच्ची की चप्पलें पड़ोस के घर से बरामद हुईं, जिसमें रहने वाला हीरा लाल गायब था. आरोपी को सात दिन बाद बिहार से गिरफ्तार किया गया.
आरोपी उत्तर प्रदेश से आकर चंडीगढ़ में रह रहा था
पुलिस ने दावा किया कि आरोपी अयोध्या, उत्तर प्रदेश से चंडीगढ़ आकर पीड़िता के पड़ोस में रह रहा था, जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की.
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गंभीर धाराओं में मुकदमा चला
प्रथम दृष्टया मामला पाते हुए कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ धारा 201, 302, 363, 366, 376, 376(3), 376 एबी और 511 तथा पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत आरोप तय किए, जिस पर आरोपी ने खुद को निर्दोष बताते हुए ट्रायल का दावा किया.
डीएनए रिपोर्ट और साक्ष्यों के आधार पर दोष सिद्ध
बहस सुनने के बाद कोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई.
अमन भारद्वाज