राज्यसभा में हंगामे पर सभापति जगदीप धनखड़ ने चिंता जाहिर की है. संसद भवन में भारतीय वन सेवा की शाखा के प्रशिक्षुओं के साथ बातचीत में धनखड़ ने कहा कि कोई भी देश, कोई भी व्यवस्था अनुशासन और मर्यादा के बिना विकसित नहीं हो सकती. जब अनुशासन और मर्यादा से समझौता किया जाता है तो संस्थानों को गंभीर नुकसान होता है.