बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव क्यों अटका? संगठन में क्या होने जा रहे बदलाव... मोदी मंत्रिमंडल में भी फेरबदल की तैयारी!

दरअसल, बीजेपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव इस साल जनवरी में होना था. गुजरात और उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव ना होने के कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अटका हुआ है. केंद्र सरकार और संगठन में भी बड़े बदलाव होने जा रहे हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा. (फाइल फोटो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा. (फाइल फोटो)

हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 16 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 12:21 PM IST

भारतीय जनता पार्टी में नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने की कवायद तेजी से चल रही है. हालांकि, दो राज्यों के कारण नए अध्यक्ष का चुनाव अटका पड़ा है. अंदरखाने खबर है कि अभी और देरी हो सकती है. एक संभावना यह भी है कि अध्यक्ष का चुनाव अगले महीने तक के लिए टाल दिया जाए.

दरअसल, बीजेपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव इस साल जनवरी में होना था. गुजरात और उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव ना होने के कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अटका हुआ है. केंद्र सरकार और संगठन में भी बड़े बदलाव होने जा रहे हैं.

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आम राय नहीं बन पा रही है

नए अध्यक्ष के चुनाव के बाद बीजेपी संगठन में बड़े बदलाव की संभावना है. पार्टी की सर्वोच्च निर्णायक संस्था पार्लियामेंट्री बोर्ड में कद्दावर नेताओं को जगह दी जा सकती है. नए अध्यक्ष के चयन को लेकर अभी आम राय नहीं बन पा रही है.

आधे महासचिवों की छुट्टी होगी

पार्टी हाईकमान चाहता है कि संगठन को मजबूत करने और उसे संभालने की क्षमता रखने वाले नेता को अध्यक्ष बनाया जाए. चयन में राजनीतिक संदेश देने के बजाए संगठन को मजबूत करने वाले नेता को प्राथमिकता दी जाए. नया अध्यक्ष बनने के बाद 50 प्रतिशत राष्ट्रीय महासचिवों की छुट्टी होगी. नए अध्यक्ष की टीम में युवा नेताओं को बतौर महासचिव जगह दी जाएगी.

यह भी पढ़ें: बीजेपी को कब मिलेगा राष्ट्रीय अध्यक्ष? संगठन के अंदरखाने तैयारी तेज, तय हो गई ऐलान की तारीख!

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केंद्र सरकार से भी कुछ नेताओं को संगठन में लाया जा सकता है. बिहार चुनाव से पहले मोदी मंत्रिपरिषद में फेरबदल हो सकता है. सहयोगी दलों को भी जगह मिल सकती है.

नए सहयोगी को मिलेगी मोदी मंत्रिमंडल में जगह
 
एनडीए में हाल ही में शामिल हुए एआईएडीएमके को भी केंद्र की सरकार में जगह मिल सकती है. अभी मंत्रिपरिषद में 9 जगह खाली हैं. बीजेपी ने संगठन चुनावों में जमीनी कार्यकर्ताओं को महत्व दिया है. 

यह भी पढ़ें: क्या पहली बार कोई महिला बनेगी बीजेपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष? पार्टी को नड्डा के विकल्प की तलाश

जिलाध्यक्षों के चुनाव में 60 वर्ष की उम्र सीमा रखी गई है. हालांकि कुछ अपवाद भी हैं. इसी तरह संगठन में कम से कम 10 वर्ष से सक्रिय कार्यकर्ताओं को ही चुना गया. हालांकि केरल में राजीव चंद्रशेखर इसका अपवाद हैं.

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