जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज, कैश कांड में एक्शन को दी थी चुनौती

जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित सरकारी आवास में 14 मार्च की रात आग लग गई थी. इस घटना के समय जस्टिस यशवंत वर्मा घर में नहीं थे. उनके परिवार के सदस्यों ने आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड से मदद मांगी थी. दिल्ली फायर डिपार्टमेंट ने तत्काल एक टीम को जज के घर भेजा था.

Advertisement
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका खारिज कर दी है. (PTI Photo) सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका खारिज कर दी है. (PTI Photo)

सृष्टि ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:20 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने कैश कांड मामले में जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस वर्मा ने जांच समिति की रिपोर्ट और तत्कालीन सीजेआई द्वारा उन्हें पद से हटाने की सिफारिश को चुनौती दी थी. 

जस्टिस वर्मा ने याचिका में सीजेआई द्वारा उन्हें हटाने की सिफारिश को चुनौती दी थी. कोर्ट ने ये कहते हुए जस्टिस वर्मा की याचिका खारिज की कि जांच समिति ने तय प्रक्रियाओं का पालन किया है.  

Advertisement

जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने कहा कि जस्टिस वर्मा का आचरण विश्वास पैदा नहीं करता इसलिए उनकी याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता. 

पीठ ने कहा कि इन हाउस समिति का गठन और उसकी जांच अवैध नहीं है. सीजेआई और उनकी इन-हाउस समिति ने प्रक्रियाओं का पालन किया. बस उन्होंने फोटो और वीडियो अपलोड नहीं किए. हमने इसे लेकर कहा भी था कि इसकी जरूरत नहीं है. लेकिन आपने उस समय इसे चुनौती नहीं दी. 

पीठ ने कहा कि तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना ने इस मामले में राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी को जो पत्र भेजा था, वह असंवैधानिक नहीं था.

क्या है मामला?

जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित सरकारी आवास में 14 मार्च की रात आग लग गई थी. इस घटना के समय जस्टिस यशवंत वर्मा घर में नहीं थे. उनके परिवार के सदस्यों ने आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड से मदद मांगी थी. दिल्ली फायर डिपार्टमेंट ने तत्काल एक टीम को जज के घर भेजा था. इसके बाद मीडिया में खबरें आईं कि जस्टिस वर्मा के सरकारी बंगले में आग बुझाने के दौरान भारी मात्रा में कैश देखा गया. 

Advertisement

इस बीच 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कॉलेजियम की बैठक बुलाई. इस बैठक में जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट में किए जाने का प्रस्ताव लाया गया. साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को इस मामले की जांच सौंपी गई. इस जांच रिपोर्ट के आधार पर ही जस्टिस वर्मा के तबादले पर फैसला लिया जाना है. हालांकि, मामले में एक नया ट्विस्ट तब आया, जब दिल्ली फायर ब्रिगेड चीफ अतुल गर्ग ने दावा किया कि जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर आग बुझाने के दौरान फायर फाइटर्स को कोई नकदी नहीं मिली.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement