रेप (RAPE) को लेकर राजनेताओं के बयान कई बार शर्मसार कर देते हैं. ताजा मामला कर्नाटक से सामने आया है. यहां विधानसभा में गुरुवार को कांग्रेस विधायक केआर रमेश कुमार ने कहा था कि 'जब बलात्कार को रोका नहीं जा सकता, तो लेटिए और मजे लीजिए.' हैरानी वाली बात ये थी कि कांग्रेस विधायक की इस टिप्पणी पर विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी आपत्ति जताने के बजाय इस पर ठहाके लगाकर हंसने लगे. हालांकि, बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी पर विधायक ने माफी मांग ली है. वैसे सियासी गलियारे से महिलाओं और रेप पर अशोभनीय टिप्पणी के कई मामले आ चुके हैं. आइए जानते है कुछ नेताओं के ऐसे बयान...
मुलायम सिंह यादव- अप्रैल, 2014
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव रेप पर दिए अपने बयान को लेकर आज भी चर्चाओं में रहते हैं. मुरादाबाद की रैली में सपा सुप्रीमो ने रेप के आरोपियों से सहानुभूति जताते हुए कहा था कि रेप के मामलो में फांसी पर चढ़ा देना गलत है. लड़के हैं, कभी-कभी लड़कों से गलतियां हो जाती हैं. कभी-कभी फंसाने के लिए भी लड़कों पर ऐसे आरोप लगा दिए जाते हैं.
आजम खान, अगस्त 2016
बुलंदशहर गैंग रेप मामले में एसपी नेता आजम खान ने 'विपक्षी साजिश' वाला बेतुका बयान दिया था. उन्होंने कहा था- 'हमें यह जांच करानी चाहिए कि कहीं यह मामला ( बुलंदशहर रेप मामला) राजनीति से तो प्रेरित हो कर सरकार को बदनाम करने की साजिश तो नहीं है. इस समय विपक्ष किसी भी हद तक गिर सकता है.' आजम खान के इस बयान पर उस वक्त के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नाराजगी जाहिर की थी.
शरद यादव, जनवरी, 2017
Loktantrik Janata Dal party के प्रमुख शरद यादव भी रेप पर अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में आ ही जाते हैं. उनके 'बेटी की वोट' से तुलना किए जाने के विवादास्पद बयान पर खूब हंगामा मचा था. कर्पूरी ठाकुर के जन्मदिन के मौके पर शरद यादव ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि वोट की इज्जत बेटी की इज्जत से बड़ी है.
विधानसभा में पॉर्न देखते पकड़े गए
साल 2012 में कर्नाटक विधानसभा से एक वीडियो आया था. इस वीडियो में तीन मंत्री मोबाइल पर पॉर्न देख रहे थे. इस कांड ने कर्नाटक विधानसभा को हिलाकर रख दिया था. लक्ष्मण सवादी, सीसी पाटिल और कृष्णा पालेम विधानसभा में मोबाइल पर अश्लील वीडियो देखते पकड़े गए थे. बाद लक्ष्मण सवादी और सीसी पाटिल को मंत्री भी गया.
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