मणिपुर में हिंसा को लेकर सड़क से संसद तक हंगामा जारी है. इस बीच अब विपक्षी गठबंधन INDIA के 26 राजनीतिक दलों ने हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करने का मन बना लिया है. सूत्रों के मुताबिक जल्द ही विपक्ष का गठबंधन हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेगा. हालांकि, फिलहाल दौरे की तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन यह फैसला कर लिया गया है कि डेलिगेश का नेतृत्व ऐसे राजनीतिक दल करेंगे, जिनकी मणिपुर में अच्छी-खासी पकड़ है.
दरअसल, हाल ही में विपक्षी पार्टियां बेंगलुरु में इकट्ठा हुईं थीं. इस दौरान दो दिन तक मंत्रणा करने के बाद एक नया गठबंधन बनाने का निर्णय लिया गया था. इसका नाम रखा- I.N.D.I.A. यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस रखा गया. इस गठबंधन की टैगलाइन 'जीतेगा भारत' रखी गई.
नए गठबंधन में ये पार्टियां शामिल
I.N.D.I.A में कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी (शरद पवार गुट), सीपीआई, सीपीआईएम, जदयू, डीएमके, आम आदमी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, आरजेडी, समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, आरएलडी, सीपीआई (ML), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस (M), मनीथानेया मक्कल काची (MMK), एमडीएमके, वीसीके, आरएसपी, केरला कांग्रेस, केएमडीके, एआईएफबी, अपना दल कमेरावादी शामिल हैं.
कैसे पड़ा I.N.D.I.A नाम?
बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को हुई बैठक में विपक्षी गठबंधन का नाम टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने सुझाया. राहुल गांधी ने इस पर समर्थन दिया. हालांकि, बैठक में नीतीश कुमार ने इस नाम का विरोध भी किया. लेकिन ज्यादातर नेता इसके पक्ष में थे. ऐसे में इसका नाम I.N.D.I.A रखा गया. इसके बाद I.N.D.I.A के फुल फॉर्म पर चर्चा हुई और इसका फुलफॉर्म इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव एलायंस तय किया गया.
पुराने गठबंधन से कितना अलग?
UPA का गठन लोकसभा चुनाव के बाद हुआ था. यानी 2004 में जिन पार्टियों ने जितनी सीटें जीती थीं, उन्हें उसी हिसाब से सरकार में भागीदारी मिली थी. कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी, ऐसे में प्रधानमंत्री भी कांग्रेस पार्टी का था. जबकि INDIA का गठन चुनाव से पहले हुआ है. माना जा रहा है कि नए गठबंधन के सामने सबसे बड़ी चुनौती सीट बंटवारे को लेकर है. इतना ही नहीं दो दौर की बैठकों में अभी तक प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है. ऐसे में पीएम उम्मीदवार चुनना भी नए गठबंधन के सामने एक बड़ी चुनौती होगी.
गठबंधन के सामने क्या चुनौतियां?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे साफ कर चुके हैं कि उनकी पार्टी विपक्षी दलों को सत्ता या पीएम उम्मीदवारी के लिए साथ लाने में नहीं जुटी है. भले ही कांग्रेस पीएम उम्मीदवारी को छोड़ने का ऐलान कर चुके हैं, लेकिन जानकारों का मानना है कि कई क्षेत्रीय दलों के नेता पीएम बनने का सपना देख रहे हैं, ऐसे में सीटों के बंटवारे से लेकर पीएम उम्मीदवार के ऐलान तक विपक्षी पार्टियों में टकराव देखने को मिल सकता है.
अमित भारद्वाज