क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधी टक्कर लेंगे! दरअसल, नीतीश को वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर है. उत्तर प्रदेश के जेडीयू नेताओं ने नीतीश कुमार से मिलकर चुनाव लड़ने की मांग रखी है.
वाराणसी के अलावा कुशीनगर, फूलपुर या अंबेडकर नगर से चुनाव लड़ने की मांग नेताओं ने की है. उत्तर प्रदेश से आए नेताओं का प्रतिनिधिमंडल नीतीश से मिला है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि नीतीश कुमार अगर यूपी में कही से भी लड़ेंगे तो उनकी जीत तय है. नीतीश के नाम से यूपी में बीजेपी डरी हुई है.
हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा बयान दिया था. मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे नीतीश कुमार ने कहा था कि उनकी और बीजेपी की दोस्ती कभी खत्म नहीं होगी.
दरअसल, सीएम नीतीश जिस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे, वहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर भी मौजूद थे. इसके अलावा कार्यक्रम में कई बीजेपी नेता भी शामिल थे. दीक्षांत समारोह के दौरान जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाषण देने की बारी आई तो उन्होंने कहा,'जितने लोग हमारे हैं, सब साथी हैं. छोड़िए ना भाई. हम अलग हैं आप अलग हैं. इसको छोड़ दीजिए. इससे क्या मतलब है. हमारा दोस्ती कहियो खत्म होगा? (हमारी दोस्ती कभी खत्म होगी?). चिंता मत कीजिए, जब तक जीवित रहेंगे, तब तक आप लोगों (BJP) से संबंध बना रहेगा. हम सब मिलकर काम करेंगे. यह बात उन्होंने राष्ट्रपति, राज्यपाल को देखते हुए और बीजेपी नेताओं की तरफ इशारा करते हुए कही.
सीएम ने आगे कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के विकास को लेकर साथ मिलकर काम करना होगा. नीतीश ने राष्ट्रपति की तरफ देखते हुए कहा था कि आप यहां पर आईं बहुत खुशी हुई. हम तो चाहेंगे कि कुछ-कुछ समय पर आप आते रहिए. हम एक बार आपको पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में राष्ट्रपति की एक-एक चीज दिखा देंगे.
शशि भूषण कुमार