जिन्ना, कांग्रेस और माउंटबेटन का जिक्र... NCERT की किताब में बंटवारे के कारण को लेकर मचा सियासी घमासान, जानें कांग्रेस-सपा और बीजेपी ने क्या कहा

एनसीईआरटी के एक मॉड्यूल में देश के बंटवारे को लेकर नए दावे किए गए हैं. इस मॉड्यूल के अनुसार, देश के विभाजन के लिए तीन तत्व जिम्मेदार थे. इसमें कहा गया है कि विभाजन का ख्वाब जिन्ना ने देखा था, कांग्रेस ने इसे स्वीकार किया और माउंटबेटन ने बंटवारा किया. इस मॉड्यूल में कांग्रेस पार्टी का स्पष्ट जिक्र है, जिससे अब सियासत तेज हो गई है.

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एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पर गरमाई सियासत (File: ITG) एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पर गरमाई सियासत (File: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:43 AM IST

एनसीईआरटी की किताब के एक चैप्टर को लेकर अब राजनीति गर्म हो गई है। इस चैप्टर में देश के बंटवारे के तीन मुख्य कारण बताए गए हैं. पहला जिन्ना ने देश के बंटवारे का सपना देखा. दूसरा कांग्रेस ने इसे स्वीकार किया और तीसरा माउंटबेटन ने बंटवारा कराया. किताब में कांग्रेस का स्पष्ट जिक्र है और तीन मुख्य कारण बताने के कारण सियासत तेज हो गई है. 

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कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'आग लगा दीजिए इस किताब को. असली हकीकत यह है कि हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग की मिलीभगत से ही देश का विभाजन हुआ. इतिहास में सबसे बड़े दोषी वे लोग माने जाते हैं जिनका योगदान बंटवारे में रहा. इतिहास का सबसे बड़ा दुश्मन RSS है. उनके योगदान को कई पीढ़ियां भी माफ नहीं करेंगी.'

बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, 'जिन्ना और राहुल इनकी सोच एक जैसी है. धर्म के आधार पर भारत को बांटना.धर्म के आधार पर अखंड भारत को बांटा गया और उसके बाद जो जिन्ना की तुष्टिकरण वाली सोच आज राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी में दिखाई देती है. 

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#WATCH | Delhi | BJP National Spokesperson Gaurav Bhatia says, "...NCERT has made some changes in the textbooks and the truth of partition has been added. The 'Rahul-Jinnah' party is very upset with the truth coming out. Rahul Gandhi and Mohammad Ali Jinnah have the same… pic.twitter.com/OEcblwseu5

— ANI (@ANI) August 16, 2025

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, एनसीईआरटी में 'मुस्लिम अगेंस्ट पार्टीशन' किताब शामिल होना चाहिए ताकि सही इतिहास पढ़ाया जा सके और बार-बार फैलाए जाने वाले झूठ को सुधारा जा सके. इतिहास के अनुसार उस समय मुसलमानों की स्थिति बहुत कमजोर थी. केवल कुछ लोग ही जमीन या इनकम टैक्स देने में सक्षम थे. करीब 19 फीसदी मुसलमान भी अपनी जरूरत की चीजें जुटा नहीं सकते थे. समाज की असली ताकत जमींदार और रजवाड़े ही थे.

"विभाजन के लिए मुसलमान जिम्मेदार नहीं" बैरिस्टर @asadowaisi ने 'Muslims Against Partition' किताब को NCERT में शामिल करने की मांग की। pic.twitter.com/YXOkBLi54G

— AIMIM (@aimim_national) August 16, 2025

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, 'बीजेपी की कोई विचारधारा नहीं है. बीजेपी की एक विचारधारा है कुर्सी पर बने रहना. बीजेपी का जब जन्म हुआ तो उन्होंने कहा था कि वे समाजवादी रास्ता पर चलेंगे. लेकिन आज बड़े उद्योगपतियों और अमीर लोगों को अधिक फायदा पहुंचाया जा रहा है. गरीब, पिछड़ा वर्ग, दलित और आदिवासी समुदायों के साथ भेदभाव की स्थिति बनी हुई है. 

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यह भी पढ़ें: जिन्ना, कांग्रेस और माउंटबेटन थे भारत विभाजन के जिम्मेदार... NCERT ने तैयार किए 2 खास मॉड्यूल

या है एनसीईआरटी के मॉड्यूल में जिसे लेकर हो रहा है विवाद?

साल 2025 में NCERT ने कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए भारत-पाकिस्तान के विभाजन पर एक विशेष मॉड्यूल जारी किया. इस मॉड्यूल में भारत के बंटवारे के लिए तीन प्रमुख जिम्मेदार बताए गए – मोहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस पार्टी (विशेषकर नेहरू और पटेल के नेतृत्व में) और अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन. इस नई व्याख्या ने शिक्षा जगत, राजनीतिक दलों और समाज में जोरदार बहस छेड़ दी है.

किताब में जिन्ना को पाकिस्तान के लिए अलग देश की मांग करने वाला बताया गया है. साथ ही कांग्रेस को भी दोषी ठहराया गया है, क्योंकि कहा गया है कि उसने गृहयुद्ध से बचाव के लिए बंटवारे को स्वीकार किया. नेहरू के हवाले से लिखा गया है कि 'विभाजन स्वीकार करना होगा या फिर गृहयुद्ध का सामना करना पड़ेगा.' वहीं, लॉर्ड माउंटबेटन पर इस प्रक्रिया में जल्दबाजी करने और सीमाओं के घोषित समय को घटाकर अगस्त 1947 कर देने का आरोप लगाया गया है, जिससे सीमांकन और विस्थापन की त्रासदी गहरी हुई.

कांग्रेस और विपक्ष ने इसे इतिहास का 'तोड़-मरोड़' कर प्रस्तुत करना बताया है और पक्षपातपूर्ण चित्रण का आरोप लगाया है. वहीं बीजेपी का तर्क है कि छात्रों को इतिहास की सच्चाई से अवगत होना चाहिए.

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