सिद्धू को एक साल की जेल, जानें- दे सकेंगे अर्जी या तुरंत करना होगा सरेंडर

सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई है. यह रोड रेज का मामला 1988 का है. नवजोत सिंह सिद्धू को पहले इस मामले में राहत मिल गई थी. लेकिन रोड रेज में जिस शख्स की मौत हुई थी, उसके परिवार ने रिव्यू पिटीशन दायर की थी. अब उसपर सुनवाई करते हुए सिद्धू को एक साल सश्रम यानी कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है.

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नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने 1 साल की सजा सुनाई नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने 1 साल की सजा सुनाई

नलिनी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2022,
  • अपडेटेड 4:16 PM IST
  • सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को सुनाई एक साल की सजा
  • 33 साल पुराने रोड रेज केस में सुनाई गई सजा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई है. सुप्रीम कोर्ट ने 1998 के रोडरेज मामले में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना ही फैसला बदलते हुए ये सजा सुनाई है. उधर, नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला स्थित अपने घर से समर्थकों के साथ चंडीगढ़ निकल गए हैं. कहा जा रहा है कि वे अपने वकील से मुलाकात के लिए जा रहे हैं.

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इससे पहले अदालत ने 15 मई 2018 को नवजोत सिद्धू पर 1000 रुपए का जुर्माना लगाया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ये सवाल उठने लगा है कि क्या नवजोत सिंह सिद्धू को जेल जाना पड़ेगा. आईए जानते हैं कि जेल से बचने के लिए उनके पास क्या विकल्प बचे हैं. 

1- क्यूरेटिव पिटीशन- नवजोत सिंह सिद्धू सुप्रीम कोर्ट के फैसले को क्यूरेटिव पिटीशन के जरिए चुनौती दे सकते हैं. हालांकि, यह सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर करता है कि वह इस पर सुनवाई करेगा या नहीं.

2- सुप्रीम कोर्ट से सरेंडर करने के लिए समय मांग सकते हैं सिद्धू-  नवजोत सिद्धू इस मामले में कोर्ट से पुलिस के सामने सरेंडर करने के लिए और समय मांग सकते हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट इस पर उन्हीं आधार पर विचार करेगा, जिनका सिद्धू ने अपनी याचिका में जिक्र किया हो. 

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ये भी पढ़ें: जानें 33 साल पुराना Road Rage Case जिसमें हुई सजा

किस मामले में हुई सजा ?

1998 में सिद्धू ने पटियाला के एक मार्केट में 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से मारपीट की थी. इसके बाद गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. रिपोर्ट में आया कि गुरनाम सिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी. इस मामले में सिद्धू पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ. सेशन कोर्ट में केस चला. 1999 में सेशन कोर्ट ने केस को खारिज कर दिया था. लेकिन 2002 में पंजाब सरकार ने सिद्धू के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की. दिसंबर 2006 को हाईकोर्ट ने सिद्धू और संधू को दोषी ठहराते हुए 3-3 साल कैद की सजा सुनाई. साथ ही 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.  

गुरनाम सिंह. -फाइल फोटो

हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू और संधू को सभी आरोपों से बरी कर दिया. हालांकि, कोर्ट ने रोड रेज मामले में सिद्धू पर 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. इसी फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई है. 

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वहीं, सिद्धू को सजाए सुनाए जाने के बाद शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने फैसले पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज न्याय दिया है. पीड़ित परिवार कई वर्षों से न्याय की मांग कर रहा था.

 

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