राहुल गांधी के 'नरेंद्र सरेंडर' तंज के बाद कांग्रेस ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जुबानी जंग और तेज कर दी है. कांग्रेस ने इस बार सोशल मीडिया पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मशहूर लाल 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' टोपी दिखाई गई, जिस पर 'Narender Surrender' लिखा था. ये राहुल गांधी के उस आरोप की ओर इशारा था कि जिसमें कहा गया कि पीएम मोदी ने ट्रम्प के फोन कॉल के बाद पाकिस्तान के साथ युद्धविराम के लिए सहमति जताई थी.
विवाद मंगलवार को तब शुरू हुआ जब राहुल गांधी ने भोपाल में कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के लॉन्च के दौरान कहा कि पीएम मोदी ने अमेरिका के दबाव में झुककर काम किया. राहुल गांधी ने कहा कि ट्रम्प ने वहां (अमेरिका) से इशारा किया, फोन उठाया और कहा 'मोदीजी, आप क्या कर रहे हैं? नरेंद्र सरेंडर' और मोदीजी ने कहा 'हां सर' और ट्रम्प के निर्देशों का पालन किया.
राहुल गांधी ने आगे बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनमें दबाव सहने की हिम्मत नहीं है. 'मैं बीजेपी-आरएसएस के लोगों को जानता हूं. अगर आप थोड़ा सा दबाव डालें और हल्का-सा धक्का दें तो वे डर के मारे भाग जाते हैं'. उन्होंने इसकी तुलना कांग्रेस के पूर्व नेताओं से करते हुए कहा कि आपको याद होगा जब फोन कॉल नहीं आया था, 1971 के युद्ध में सातवां बेड़ा आया था. सातवां बेड़ा आया, हथियार आए, विमानवाहक पोत आए लेकिन इंदिरा गांधी ने कहा 'मैं वही करूंगी जो मैं चाहती हूं'. यही अंतर है.
गांधी के बयानों का समर्थन करते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पत्रकारों से कहा कि यह न मानें कि भारत नरेंद्र है या नरेंद्र भारत है. वो बड़े-बड़े भाषण देते हैं लेकिन अंत में सरेंडर कर देते हैं. कुछ दिन पहले वे चीन की बात कर रहे थे और अब चीन का नाम एक बार भी नहीं लेते.
बीजेपी ने किया पलटवार
बीजेपी ने राहुल गांधी के बयानों पर तीखा पलटवार किया. पार्टी नेता प्रदीप भंडारी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान के आतंकी सरगनाओं को करारा जवाब दिया है. सलमान खुर्शीद से लेकर शशि थरूर तक हर कांग्रेस नेता इस बारे में बात कर रहा है और पाकिस्तान खुद इसकी गवाही दे रहा है...देश की जनता असभ्य राहुल गांधी को पाकिस्तान का एजेंट मानती है.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि मूर्खता और विरोध की भी एक सीमा होती है. कांग्रेस पार्टी में कोई नहीं है जो उन्हें बताए कि विपक्षी दल में होने का मतलब राष्ट्र का विरोध करना नहीं है?. बीजेपी की आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा कि इतिहास याद रखेगा. डोकलाम से लेकर पहलगाम तक, जब भी भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा और वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने के लिए एकजुट हुआ, राहुल गांधी ने अपनी वंशावली की सच्ची विरासत के अनुरूप भारत के राजनीतिक और आर्थिक पुनरुत्थान के विरोधी ताकतों के साथ खड़े होने का फैसला किया.
शशि थरूर बोले, भारत को मनाने की जरूरत नहीं थी
इस बीच, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अलग रुख अपनाया जो वर्तमान में पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के वैश्विक outreach के हिस्से के रूप में अमेरिका सहित अन्य देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं. गांधी के बयानों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में थरूर ने कहा कि भारत को संघर्ष रोकने के लिए मनाने की जरूरत नहीं थी. किसी को हमें रोकने के लिए कहने की जरूरत नहीं थी क्योंकि हम लगातार कह रहे थे कि जिस क्षण पाकिस्तान रुकेगा, हम रुकने को तैयार हैं. इसलिए अगर उन्होंने बदले में पाकिस्तानी को कहा, 'आपको रुकना चाहिए क्योंकि भारतीय रुकने को तैयार हैं' और यही उन्होंने किया. यह उनकी ओर से एक शानदार इशारा है.
थरूर ने आगे कहा कि वो आतंकवाद की भाषा का उपयोग करें तो हम बल की भाषा का उपयोग करेंगे और इसके लिए किसी तीसरे पक्ष की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि वह डिटेल्स में नहीं जाएंगे, और भारत की अधिक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया. हमें अमेरिका के लिए बहुत सम्मान है.
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