कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वोट चोरी करने के आपके हथकंडों के 100% पुख्ता सबूत हैं हमारे पास. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भारत के चुनाव आयोग के रूप में काम नहीं कर रहा है. राहुल ने कहा कि चुनाव आयोग 'अपना काम नहीं कर' रहा है.
राहुल गांधी ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि चुनाव आयोग गलतफहमी में न रहे. हम उन्हें सामने भी लाएंगे और वह इसके अंजाम से बच नहीं पाएंगे. राहुल ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान को बर्बाद करने की कोशिश करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे.
कांग्रेस नेता कहा कि वोट चोरी करने के चुनाव आयोग हथकंडों के 100 फीसदी पुख्ता सबूत उनके पास हैं.
गुरुवार सुबह चुनाव आयोग की ओर से दिए गए बयान का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आज आयोग की ओर से जो कुछ कहा गया है वो पूरी तरह से नॉनसेंस है. मुद्दा यह है कि चुनाव आयोग अपना काम नहीं कर रहा है. और हमारे पास इसके 100 फीसदी सबूत हैं.
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, "90 प्रतिशत नहीं, जब हम आपको दिखाने का फैसला करते हैं, तो यह 100 प्रतिशत सूबत होता है."
उन्होंने कहा, "हमने सिर्फ़ एक निर्वाचन क्षेत्र पर नजर डाली और हमें यह पता चला. मुझे पूरा यकीन है कि हर निर्वाचन क्षेत्र में यही नाटक चल रहा है. हजारों-हजार नए मतदाता, उनकी उम्र कितनी है? 45, 50, 60, 65. हजारों-हज़ार एक ही निर्वाचन क्षेत्र में. यह एक बात है, मतदाताओं का हटना, मतदाताओं का जुड़ना, 18 साल से ज़्यादा उम्र के नए मतदाता बन रहे हैं इसलिए हमने उन्हें पकड़ लिया है."
राहुल गांधी ने कहा कि कर्नाटक में ऐसी ही गड़बड़ी की गई थी.
राहुल गांधी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, "मैं चुनाव आयोग को एक संदेश देना चाहता हूं, अगर आपको लगता है कि आप इससे बच निकलेंगे, अगर आपके अधिकारी सोचते हैं कि वे इससे बच निकलेंगे, तो आप गलतफहमी में हैं, आप इससे बच नहीं पाएंगे क्योंकि हम आपके पीछे पड़ जाएंगे."
कांग्रेस नेता ने बुधवार को आरोप लगाया था कि भारत में चुनावों में "चोरी" हो रही है और दावा किया कि उनकी पार्टी ने कर्नाटक के एक लोकसभा क्षेत्र का अध्ययन करके "वोट चोरी" के तौर-तरीकों का पता लगा लिया है.
गांधी ने कहा कि वह जनता और चुनाव आयोग के सामने "वोटों की चोरी" कैसे की जा रही है, इसे साफ-साफ शब्दों में रखेंगे.
उनकी यह टिप्पणी तब आई जब यह बात सामने आई कि बिहार में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत घर-घर जाकर चुनाव अधिकारियों ने पाया है कि 52 लाख से ज़्यादा मतदाता अपने पते पर मौजूद नहीं थे.
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