पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार की मुद्रीकरण नीति पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि सरकार क्लोजिंग डाउन सेल चला रही है. इसके साथ-साथ चिदंबरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर भी तंज कसा. बता दें कि केंद्र सरकार ने छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (NMP) बनाई है. इसमें सड़कें, रेल, स्टेडियम, स्टेशन, हवाईअड्डे शामिल हैं. इन बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निजी कंपनियों को शामिल करते हुए संसाधन जुटाए जाएंगे और संपत्तियों का विकास किया जायेगा. मतलब उन्हें एक तरह से किराए पर दिया जाएगा.
मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिदंबरम ने कहा कि अगर वित्त मंत्री चाहें तो अपना एक घर मुझे 99 साल के लिए लीज पर दे सकती हैं, चाहें तो उसके कागज वे अपने पास रखें. पूर्व वित्त मंत्री आगे बोले कि यह मुद्रीकरण एक क्लोजिंग डाउन सेल है.
केंद्र सरकार पर आगे हमला बोलते हुए चिदंबरम ने कहा,'मुझे नहीं लगता कि यह (एनडीए) सरकार तीसरी बार सत्ता में आने वाली है. इसलिए ये क्लोजिंग डाउन सेल चल रही है. हम लोग निजिकरण के खिलाफ नहीं हैं लेकिन मौद्रिकरण के नाम पर इस गुप्त बिक्री के खिलाफ हैं.'
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, 'इस नीति से एकाधिकार (Monopoly) को बढ़ावा मिलेगा. जब ज्यादातर पोर्ट, एयरपोर्ट सेल पर होंगे तो उन्हें कौन खरीदेगा? पीएम मोदी एकाधिकार को बढ़ावा दे रहे हैं. चीन एकाधिकार का विरोध कर रहा है. वहीं हम उल्टा जा रहे हैं.'
चिदंबरम ने आगे नौकरियों पर चिंता जताई. उन्होंने पूछा कि कहीं भी क्या कोई ऐसा कागजात है जिसमें कहा गया वो कि PSU में जो आरक्षण फिलहाल मिलता है वह मुद्रीकरण के बाद लागू रहेगा. पूर्व वित्त मंत्री ने दावा किया कि जैसे ही कंपनियों का मुद्रीकरण होगा, कीमतें भी बढ़ जाएंगी. व्यवसायी समूहन (गुटबंदी) हो जाएगी.
70 सालों में जो बना, उसे बेच रही सरकार - चिदंबरम
पूर्व वित्त मंत्री ने आगे आरोप लगाया कि पिछले 70 सालों में जो कुछ बनाया गया है उसे अगले 12-24 महीनों में व्यापारी घरानों को सौंप दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसी पॉलिसी को बनाने से पहले किसी से सलाह नहीं ली गई थी. संसद में भी इसपर बात नहीं की गई. वहो बोले, 'मैं बता देता हूं पेगासस की तरह इसपर भी कभी संसद में बात नहीं होगी.' आगे पीएम मोदी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा प्रधानमंत्री को मीडिया इतना पसंद है कि पिछले 7 सालों में वह आपसे नहीं मिले हैं.
कमलेश सुतार