पंजाब कांग्रेस में मचे सियासी घमासान के बाद अब राजस्थान में हलचल तेज होने की अटकलें हैं. राजस्थान में बढ़ी सुगबुगाहटों की वजह ये भी है कि 17 सितंबर को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ मैराथन मीटिंग की थी.
इंडिया टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक राजस्थान में बदलाव की संभावना है, लेकिन जल्द में कुछ ऐसा नहीं होगा. कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर को खत्म करने के लिए पंजाब का रास्ता अपना सकती है और 2023 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले एक नया चेहरा पेश कर सकती है. राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन में लगभग छह महीने लग सकते हैं और पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के बाद ही ऐसा संभव हो पाएगा.
वहीं, राजस्थान में बदलाव के मुद्दे पर सचिन पायलट ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. हालांकि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पायलट से कुछ वादे किए गए थे जब उन्हें पार्टी में वापस लाया गया था, तब से एक साल से अधिक समय हो गया है. हालांकि उनकी टीम के कई लोगों ने पाला बदल लिया है. पायलट कई बार प्रियंका गांधी वाड्रा से मिल चुके हैं. जब पायलट कांग्रेस पार्टी से नाराज थे तो अहमद पटेल और प्रियंका गांधी उन्हें मनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने सरकार में फेरबदल के लिए पहले ही खाका तैयार कर लिया है और पार्टी किसी भी घोषणा से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री के ठीक होने का इंतजार कर रही है. हाल ही में अशोक गहलोत की सर्जरी हुई थी और वो सार्वजनिक संपर्क से बच रहे हैं.
इसमें कोई संदेह नहीं है कि गहलोत पार्टी आलाकमान के कहने पर भी सचिन को ज्यादा जमीन देने को तैयार नहीं हैं, लेकिन पंजाब और यूपी चुनावों के बाद बड़ा बदलाव हो सकता है. ऐसी संभावना है कि सचिन पायलट शुरुआत में पीसीसी प्रमुख के रूप में वापसी कर सकते हैं.
मौसमी सिंह