AAP ने गुजरात चुनाव प्रभारी संदीप पाठक को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, अब संभालेंगे राष्ट्रीय महासचिव का पद

आम आदमी पार्टी ने संदीप पाठक को राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) नियुक्त किया है. संदीप राज्यसभा सदस्य भी हैं. पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वह राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) के स्थायी आमंत्रित सदस्य भी होंगे.

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संदीप पाठक (फाइल फोटो) संदीप पाठक (फाइल फोटो)

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:03 PM IST

आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक को राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) नियुक्त किया है. संदीप पाठक इसी महीने पंजाब और गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव में AAP के चुनाव प्रभारी थे. जानकारी के मुताबिक संदीप पार्टी के राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) के स्थायी आमंत्रित सदस्य भी होंगे.

आम आदमी पार्टी की ओऱ से जारी बयान में कहा गया है कि पार्टी ने डॉ. संदीप पाठक को राष्ट्रीय संगठन महामंत्री (राष्ट्रीय महासचिव संगठन) के रूप में नियुक्त किया है. वह राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) के स्थायी आमंत्रित सदस्य भी होंगे.

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हालांकि AAP गुजरात में ज्यादा प्रभाव नहीं डाल पाई हो, लेकिन अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी ने 12.9 फीसदी वोट और 5 सीटें हासिल करके राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल किया था. चुनाव के नतीजे आने के बाद केजरीवाल ने कहा था कि AAP ने ज्यादा सीटें नहीं जीती हैं, लेकिन पार्टी को मिले वोटों ने उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने में मदद की है.

हालांकि आम आदमी पार्टी की दिल्ली और पंजाब में सरकार है. और अब राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए चुनाव आयोग के वोट शेयर और सीट के मानदंडों की शर्तें भी पूरी करती है.

क्या है राष्ट्रीय दल होने की शर्त


संविधान विशेषज्ञ डॉक्टर सुभाष कश्यप के मुताबिक, राष्ट्रीय दल होने की तीन मुख्य शर्तों या पात्रता में से एक शर्त ये है कि कोई भी राजनीतिक दल चार लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा में 6 फीसदी वोट हासिल करे या फिर विधानसभा चुनावों में चार या इससे अधिक राज्यों में कुल 6 फीसदी या ज्यादा वोट शेयर जुटाए.

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गोवा में भी AAP ने 6.77 फीसदी वोट शेयर के साथ दो सीटें हासिल की. कुछ अन्य राज्यों में भी आम आदमी पार्टी की हिस्सेदारी और वोट शेयर हैं. अब यह चर्चा होने लगी है कि आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बनने जा रही है. चुनाव के राजनीतिक नियमों के जानकार केजे राव के मुताबिक, निर्वाचन आयोग के सफाई अभियान के बाद अब देश में करीब 400 राजनीतिक पार्टियां हैं. लेकिन इनमें से महज 7 को ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है.

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