बिहार चुनाव में जाति की अहमियत पर बहस हुई. राजनीतिक दलों के बीच अन्य पिछड़ा वर्ग वोट बैंक पर चर्चा हुई. राहुल गांधी की जाति और गोत्र पर भी चर्चा हुई, जिसमें उनके जनेऊधारी होने का उल्लेख किया गया. मंडल कमीशन और काका कालेलकर कमीशन की रिपोर्टों को लागू करने और उनके विरोध पर भी बात हुई.