मुंबई में 2006 के ट्रेन ब्लास्ट मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने 19 साल बाद 11 आरोपियों को बरी कर दिया है. निचली अदालत ने इन आरोपियों को दोषी ठहराया था, जिनमें से कुछ को उम्रकैद और कुछ को मौत की सजा सुनाई गई थी. हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष अपना मामला साबित करने में पूरी तरह विफल रहा. कोर्ट ने पाया कि पेश किए गए सबूत विश्वसनीय नहीं थे और गवाहों पर भरोसा नहीं किया जा सकता था.