चंबल का क्षेत्र, जिसमें ग्वालियर, भिंड और मुरैना शामिल हैं, और धौलपुर के इलाके में बाढ़ की स्थिति गंभीर है. बुंदेलखंड, जो कभी सूखे की मार झेलता था, अब जल प्रवाह और प्रकोप का सामना कर रहा है. जिन सड़कों पर लोग चलते थे, वहाँ अब सैलाब है. नदियाँ और नाले उफान पर हैं. चंबल का पानी गाँवों को मुख्य शहरों से अलग-थलग कर चुका है. कई गाँव टापू में बदल गए हैं.