देश के सबसे चर्चित मामलों में से एक बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में बुधवार को लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के जज सुरेंद्र कुमार यादव ने फैसला सुनाया है. 28 साल पुराने इस केस में कोर्ट ने पेश किए गए सबूतों को पर्याप्त नहीं माना है. 2300 पन्नों के फैसले में कोर्ट ने कहा है कि ढांचा गिराने में विश्व हिंदू परिषद का कोई रोल नहीं था. इस केस में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दुबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमर नाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, महाराज स्वामी साक्षी, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ और धर्मेंद्र सिंह गुर्जर आरोपी बनाए गए थे.