पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में SIT गठन कर जांच की मांग की गई है. याचिका में कहा गया कि इस मामले में SIT या फिर सीबीआई से इस मामले की जांच कराई जाए. यह याचिका हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दाखिल की है.
रामपुरहाट में टीएमसी नेता की हत्या के बाद हिंसा भड़क गई थी. यहां कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया था. आग से जलकर 2 बच्चों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. इसमें 3 महिलाएं भी शामिल थीं. इस मामले में अब तक 20 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
हाईकोर्ट आज आदेश जारी करेगा
बीरभूम हिंसा में कोलकाता हाईकोर्ट ने भी स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की थी. कोर्ट इस मामले में आज अपना आदेश जारी कर सकता है कि क्या मामले को जांच के लिए सीबीआई या एनआईए को ट्रांसफर किया जाए या नहीं?
सबूतों से छेड़छाड़ न हो इसलिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद रामपुरहाट के बागतुई गांव में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए. हालांकि, हिंसा के खिलाफ दलीलें पेश कर रहे अधिवक्ता ने अदालत से कहा कि पुलिस मामले के सबूत मिटा रही है.
ममता ने किया हिंसाग्रस्त क्षेत्र का दौरा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को हिंसाग्रस्त बागतुई गांव का दौरा किया. उन्होंने कहा, 'पुलिस रामपुरहाट हिंसा के आरोपियों की तलाश करे और उन्हें गिरफ्तार करे. साथ ही दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित करे'. ममता बनर्जी ने सभी मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए, जिन घरों को नुकसान पहुंचा है उनके निर्माण के लिए 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया.
फॉरेंसिक रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा
पश्चिम बंगाल में बीरभूम में हिंसा के मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, मृतकों को जिंदा जलाने से पहले बुरी तरह से पीटा गया था.
संजय शर्मा