धराली और हर्षिल में रेस्क्यू का 7वां दिन, अब भी मलबों के ढेर बाकी, 100 से ज्यादा लापता जिंदगियों की तलाश...

धराली और हर्षिल में 5 अगस्त को बादल फटने के बाद शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन सातवें दिन भी जारी है. अब तक 1,308 लोगों को बचाया गया है. सेना और NDRF हाई-टेक मशीनों, LiDAR सर्वे और ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार सिस्टम से सर्च ऑपरेशन चला रही है.

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धराली और हर्षिल में सातवें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. (Photo- Screengrab) धराली और हर्षिल में सातवें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. (Photo- Screengrab)

आशुतोष मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:08 PM IST

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली और हर्षिल क्षेत्र में 5 अगस्त को बादल फटने और फ्लैश फ्लड के बाद शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन सातवें दिन भी जारी है. बीती रात लगातार बारिश के कारण धराली में मलबा दलदल में बदल गया है. मुखवा को धराली से जोड़ने वाले फुटओवर ब्रिज में क्रैक दिखाई देने से राहत कार्यों में नई चुनौती आ गई थी. बताया जा रहा है कि मलबे में अब तक 100 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका है. हाईटेक मशीनों का इस्तेमाल करके उनकी तलाश की जा रही है.

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सेना की पैरा ब्रिगेड आज हर्षिल में जलाशय के ऊपर स्पीड बोट के ज़रिए नदी पर अस्थायी रास्ता बनाने की तैयारी कर रही है. NDRF का माउंटेनियरिंग डिवीजन आज उस पहाड़ तक पहुंचेगा, जहां से सैलाब आया था. इनके अलावा पैरा ब्रिगेड हर्षिल आर्मी कैंप से आगे रोप वे बनाने की भी योजना बना रही है, ताकि राहत और सामग्री पहुंचाना आसान हो सके.

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10 अगस्त तक के अपडेट के मुताबिक, अब तक 1,308 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है, जिनमें 177 लोगों को बीते दिन मलबे से निकाला गया था. कुल 326 हेलिकॉप्टर सॉर्टीज़ हुई हैं, जिनमें बीते दिन 64 सॉर्टीज़ हुईं - 8 चिनूक, MI-17 और ALH हेलिकॉप्टर से, और 56 UCADA एयरक्राफ्ट शामिल हैं. भारतीय सेना के ताजा अपडेट के मुताबिक, अब तक 5 मौतें हुई हैं और 100 से अधिक लोग लापता हैं.

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ग्राउंड पेनिट्रेटिंग राडार का किया जा रहा इस्तेमाल

जीवित बचे लोगों और शवों की तलाश के लिए सेना ने 2 ग्राउंड पेनिट्रेटिंग राडार (GPR) लगाए हैं, जबकि नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने 5 अतिरिक्त GPR तैनात किए हैं. सेना के चीता हेलिकॉप्टर ने LiDAR सर्वे कर पूरे प्रभावित इलाके को हाई-डिटेल में स्कैन किया. साथ ही 10 स्निफर डॉग्स को भी जमीन पर सर्च के लिए लगाया गया है. हर्षिल में ब्रिज को फिर से तैयार किया जा चुका है ताकि मशीनरी और राहत सामग्री का मूवमेंट आसान हो सके. इस ऑपरेशन में 1,000 से अधिक कर्मी तैनात हैं.

दूसरे चरण के रेस्क्यू ऑपरेशन पर हाई लेवल मीटिंग

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दीपम सेठ ने रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल क्षेत्रों में चलाए जा रहे राहत और बचाव कार्यों के पहले चरण की समीक्षा की. डीजीपी सेठ ने देहरादून स्थित पुलिस मुख्यालय में आगामी कार्ययोजना की उच्चस्तरीय समीक्षा की.

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बैठक में उत्तरकाशी जिले में राहत और बचाव कार्यों के प्रभावी संचालन के लिए भेजी गई पुलिस की विभिन्न शाखाओं - एसडीआरएफ, फायर सर्विस, पीएसी, टेलीकॉम डिपार्टमेंट के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और टीम लीडर मौजूद रहे. बैठक में कार्ययोजना के दूसरे चरण पर विस्तार से चर्चा की गई और फैसला लिया गया कि राहत और बचाव के दूसरे चरण में खोज और बचाव अभियान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

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