UP में एग्जाम, भोपाल में पेपर लीक, RO-ARO भर्ती परीक्षा में क्लासमेट के ग्रुप ने ऐसे रची थी साजिश

यूपी एसटीएफ ने 11 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आरओ /एआरओ भर्ती परीक्षा पेपर लीक में महत्वपूर्ण खुलासा किया है. सबसे पहले पेपर दो अलग-अलग जगह से लीक हुआ. एक भोपाल की उस प्रिंटिंग प्रेस से जहां से पेपर की छपाई हुई और दूसरा प्रयागराज के उस परीक्षा केंद्र से जहां परीक्षा वाले दिन सुबह पेपर पहुंचा लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले लीक हो गया.

Advertisement
यूपीएसटीएफ ने पकड़ा मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा का गिरोह यूपीएसटीएफ ने पकड़ा मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा का गिरोह

संतोष शर्मा

  • लखनऊ/भोपाल,
  • 24 जून 2024,
  • अपडेटेड 8:16 AM IST

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा का पेपर भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस से 8 दिन पहले ही पेपर लीक करने वाले गैंग के पास पहुंच चुका था. प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक कराने वाले इस गैंग में मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा के साथ इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके चार नौजवान भी थे. यूपी एसटीएफ ने RO /ARO पेपर लीक मामले में पहले से जेल में बंद मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा के साथ उसके सबसे करीबी सुभाष प्रकाश और विशाल दुबे समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन इस गैंग की दूसरी महत्वपूर्ण कड़ी लेडी गैंग मेंबर अभी भी फरार है.

Advertisement

दो जगहों से लीक हुआ पेपर

यूपी एसटीएफ ने 11 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आरओ /एआरओ भर्ती परीक्षा पेपर लीक में महत्वपूर्ण खुलासा किया है. सबसे पहले पेपर दो अलग-अलग जगह से लीक हुआ. पहला, भोपाल की उस प्रिंटिंग प्रेस से जहां से पेपर की छपाई हुई और दूसरा, प्रयागराज के उस परीक्षा केंद्र से जहां परीक्षा वाले दिन सुबह पेपर पहुंचा लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले लीक हो गया.

यूपी एसटीएफ परीक्षा केंद्र से पेपर लीक नेटवर्क में प्रयागराज के बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल के परीक्षा केंद्र व्यवस्थापक विनीत यशवंत समेत 10 आरोपियों को पहले ही जेल भेज चुकी है. इस नेटवर्क के बारे में कहा गया कि 11 फरवरी को जब पेपर ट्रेजरी से सुबह 6:30 बजे परीक्षा केंद्र पर पहुंचा तो विनीत यशवंत की मदद से पेपर लीक कराने वाले गैंग में शामिल कमलेश कुमार पाल उर्फ केके ने मोबाइल से फोटो खींचकर पेपर लीक किया था.

Advertisement

यह भी पढ़ें: NEET UG पेपर लीक: बिहार आर्थिक अपराध इकाई CBI को सौंपेगी जांच, सिस्टम में खामियों के मिले सुबूत

यूपी एसटीएफ ने छह लोगों को किया गिरफ्तार

जैसे ही यूपी एसटीएफ ने भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस से पेपर हासिल करने वाले गैंग के छह लोगों को गिरफ्तार किया तो पूरा नेटवर्क सामने आ गया और कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए. पेपर भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस में छप रहा था. पेपर लीक कराने वाला राजीव नयन मिश्रा भी जेल से छूटने के बाद भोपाल में ही रहने लगा था. राजीव नयन मिश्रा, सुभाष प्रकाश, विशाल दुबे और सुनील रघुवंशी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इसमें विशाल दुबे और प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी ने 2014-2017 में साथ में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी.

प्रिंटिंग प्रेस में काम करता मिला इंजीनियरिंग का दोस्त

सुभाष प्रकाश इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में नौकरी करने लगा. राजीव और विशाल दुबे बीटेक करने के बाद इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों का एडमिशन करवाने लगे. इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन के धंधे के चलते ही राजीव नयन मिश्रा और विशाल दुबे की मुलाकात सुभाष प्रकाश से हुई.

राजीव के साथ काम कर रहे विशाल दुबे को पता चला उसके इंजीनियरिंग का दोस्त सुनील रघुवंशी भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस में नौकरी करता है. विशाल ने इसकी जानकारी राजीव को दी तो राजीव ने विशाल से कहा कि वह सुनील के संपर्क में रहे. प्रिंटिंग प्रेस में अगर कोई पेपर छपने आए तो पैसों का लालच देकर पेपर लीक करने में मदद के लिए तैयार करो.

Advertisement

फिर एक दिन छपने आया एक पेपर

सुनील रघुवंशी को विशाल दुबे ने कम समय में बड़ा हाथ मारने का लालच और सपना दिखाकर सुनील रघुवंशी को अपने नेटवर्क में शामिल कर लिया. जनवरी के आखिरी सप्ताह में सुनील रघुवंशी ने बताया कि एक पेपर आया है जिसमें एक पेपर में 140 सवाल हैं और दूसरे में 60 सवाल हैं. विशाल दुबे ने इसकी जानकारी राजीव नयन मिश्रा और सुभाष प्रकाश को दी.

राजीव और सुभाष खुद RO/ARO की भर्ती पर नजर गड़ाए थे और सुभाष प्रकाश ने खुद इसका फॉर्म भरा था तो उसे पता था कि इस परीक्षा में सामान्य ज्ञान के 140 सवाल और हिंदी के 60 सवाल पूछे जाने हैं. सवालों की संख्या देखकर तय हो गया कि यह समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा का ही पेपर है.

यह भी पढ़ें: बिहार के नवादा में CBI टीम पर हमला, UGC NET पेपर लीक की जांच के लिए पहुंचे थे अफसर

पेपर लाने के लिए रखी 10 लाख रुपए की डिमांड

बात प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लाने की हुई तो सुनील रघुवंशी ने 10 लाख रुपए की डिमांड की. साथ ही भोपाल में ही कैंडिडेट को पेपर पढ़वाने की शर्त रखी. राजीव और विशाल दुबे इसके लिए तैयार हो गए और प्लान के मुताबिक 3 फरवरी 2024 यानी परीक्षा से पूरे 10 दिन पहले सुनील रघुवंशी प्रिंटिंग प्रेस मशीन के एक पार्ट को बाहर से ठीक करवाने का झांसा देकर 180 सवालों की खराब हो चुकी बुकलेट को वाटर बोतल में छुपा कर बाहर ले आया और पेपर घर में रख दिया.

Advertisement

12 लाख रुपए तय हुआ रेट

पेपर हाथ में आ गया तो कैंडिडेट इकट्ठा किए जाने लगे और 8 फरवरी 2024 को भोपाल के होटल कोमल में सभी कैंडिडेट्स को इकट्ठा किया गया. राजीव नयन मिश्रा ने हर कैंडिडेट से 12 लाख रुपए में पेपर बेचना तय किया. 8 फरवरी को विशाल दुबे अपने अन्य दोस्त संदीप पांडे को लेकर होटल पहुंचा. सुनील रघुवंशी क्वेश्चन पेपर की 6/6 फोटो कॉपी कराकर होटल पहुंचा. विवेक उपाध्याय और अमरजीत शर्मा परीक्षार्थियों को लेकर होटल पहुंचे तो वहीं सुभाष प्रकाश गाइड और किताबों को लेकर सवालों को हल कर कैंडिडेट्स को देने के लिए पहुंचा.

भोपाल से दिल्ली और प्रयागराज भेजा पेपर

होटल से ही सुभाष प्रकाश ने क्वेश्चन पेपर की मोबाइल से फोटो खींचकर राजीव नयन मिश्रा को भेज दी. ज्यादा पैसा कमाने के लालच में राजीव नयन मिश्रा ने यह पेपर प्रयागराज और दिल्ली में बैठे पेपर लीक गैंग के दूसरे नेटवर्क को भेज दिए. इस दूसरे नेटवर्क में डॉक्टर शरद पटेल, सौरभ शुक्ला, अमित सिंह, यूपी पुलिस का बर्खास्त सिपाही अरुण सिंह, कामेश्वर, रवि अत्री और पुष्कर शामिल थे.

अगर पेपर लीक नहीं होता तो सुभाष बन जाता समीक्षा अधिकारी
 
सुभाष प्रकाश ने खुद 11 फरवरी को RO/ARO भर्ती का यह पेपर वाराणसी में दिया था. सिपाही भर्ती परीक्षा में राजीव नयन मिश्रा और रवि अत्री की गिरफ्तारी के बाद से ही सुभाष प्रकाश के बारे में जानकारी मिल गई थी. एसटीएफ ने आयोग से सुभाष प्रकाश की वह बुकलेट भी निकाल ली जो उसने परीक्षा में भरी थी. जांच से जुड़े पुलिस के एक अफसर की मानें तो अगर यह पेपर लीक नहीं होता तो सुभाष प्रकाश इस परीक्षा को आसानी से पास कर समीक्षा अधिकारी जरूर बन जाता.

Advertisement

एसटीएफ की मानें तो 8 फरवरी को भोपाल के होटल में परीक्षार्थियों को पेपर देने के बाद यह क्वेश्चन पेपर राजीव नयन मिश्रा के मोबाइल से 9 फरवरी को यूपी के पेपर लीक कराने वाले नेटवर्क को दिया गया और वहीं से पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. एसटीएफ को सुभाष प्रकाश के पास से बरामद आईफोन से उस पेपर की तस्वीर भी मिली है जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

ये भी पढ़ें: चिंटू, बिट्टू, काजू और अब पिंटू... NEET पेपर लीक मामले में बड़ी कामयाबी, अब तक संजीव मुखिया गैंग से जुड़े 19 आरोपी अरेस्ट

गैंग की लेडी मेंबर अभी है फरार

सिपाही भर्ती और RO/ARO पेपर लीक के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा की महिला मित्र अभी भी पुलिस के लिए पहेली बनी है. राजीव नयन मिश्रा के पेपर लीक के धंधे से हो रही करोड़ों की कमाई को उसकी महिला दोस्त शिवानी ही हैंडल करती है. राजीव नयन मिश्रा को किससे कितना पैसा लेना है? कैसे लेना है? वह पैसा किसको कितना बंटना है? यह सब हिसाब किताब शिवानी रखती थी. राजीव नयन मिश्रा के साथ शिवानी भोपाल में ही रहती थी, लेकिन एसटीएफ की ताबड़तोड़ कार्रवाई और राजीव नयन की गिरफ्तारी के बाद से शिवानी फरार है.

Advertisement

वहीं दूसरी तरफ इस खुलासे से साफ हो गया है कि यूपी की जिन दो बड़ी परीक्षाओं सिपाही भर्ती और RO/ARO भर्ती के पेपर लीक हुए वो दोनों ही पेपर राजीव नयन मिश्रा, रवि अत्री और सुभाष प्रकाश ने ही करवाए थे. हर परीक्षा के लिए कैंडिडेट लाने के लिए अलग-अलग नेटवर्क का इस्तेमाल हुआ जैसे सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए दिल्ली पुलिस के सिपाही विक्रम पहल के नेटवर्क का इस्तेमाल हुआ. तो वहीं RO/ARO भर्ती परीक्षा के लिए यूपी पुलिस के बर्खास्त सिपाही अरुण सिंह और स्कूल संचालक डॉक्टर शरद पटेल के नेटवर्क का इस्तेमाल हुआ.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement