आर्थिक मदद से लेकर मनरेगा मजदूरी तक, जानें आखिर क्या हैं ट्रेड यूनियन की मांगें

पश्चिम बंगाल में ट्रेड यूनियन की स्ट्राइक का व्यापक असर दिख रहा है. इस प्रदर्शन को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से भी जोड़ा जा रहा है.

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बंगाल के अलग-अलग हिस्सों में हो रहा प्रदर्शन बंगाल के अलग-अलग हिस्सों में हो रहा प्रदर्शन

मनोज्ञा लोइवाल

  • कोलकाता,
  • 26 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:40 AM IST
  • केंद्र के लेबर लॉ के खिलाफ ट्रेड यूनियन का प्रदर्शन
  • पश्चिम बंगाल में लेफ्ट संगठनों ने बुलाया बंद

देश के अलग-अलग हिस्सों में आज विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. एक ओर किसान केंद्र द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को लेकर सड़कों पर हैं, तो दूसरी ओर ट्रेड यूनियन ने लेबर लॉ के खिलाफ हल्ला बोल किया हुआ है. पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में लेफ्ट यूनियनों ने हाइवे से लेकर रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है. यूनियन का कहना है कि उनकी मांग पूरी होने तक हल्ला बोल जारी रहेगा. ऐसे में ट्रेड यूनियन की डिमांड क्या हैं, एक नज़र डालिए... 

•    किसान विरोधी, मजदूर विरोधी बिल वापस हो.
•    टैक्स ना भरने वाले परिवारों को 7500 की आर्थिक मदद मिले.
•    गरीब परिवारों को हर महीने दस किलो. राशन दिया जाए.
•    मनरेगा के तहत साल में 200 दिन तक काम मिले, मजदूरी बढ़ाई जाए.
•    पब्लिक सेक्टर का प्राइवेटाइजेशन बंद किया जाए.
•    नेशनल पेंशन सिस्टम को खत्म कर पुराने ढर्रे के तहत हर किसी को पेंशन दी जाए.

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बंगाल में आज जो विरोध प्रदर्शन हो रहा है, उनमें करीब दस संगठनों ने एकजुट होकर कानून का विरोध किया है. प्रदर्शन करने में ये संगठन मुख्य रूप से शामिल हैं. 

•    Indian National Trade Union Congress (INTUC)
•    All India Trade Union Congress (AITUC)
•    Hind Mazdoor Sabha (HMS)
•    Centre of Indian Trade Unions (CITU)
•    All India United Trade Union Centre (AIUTUC)
•    Trade Union Co-ordination Centre (TUCC)
•    Self-Employed Women's Association (SEWA)
•    All India Central Council of Trade Unions (AICCTU)
•    Labour Progressive Federation (LPF)
•    United Trade Union Congress (UTUC)
 

लेफ्ट यूनियनों द्वारा की जा रही इस स्ट्राइक को पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले चुनावों से जोड़ा जा रहा है और एक बार फिर पार्टी में जान फूंकने की कोशिश मानी जा रही है. दूसरी ओर बीजेपी का कहना है कि लेफ्ट, कांग्रेस और अन्य संगठनों ने जो विरोध प्रदर्शन किया है उसका जमीन पर कोई असर नहीं है. 

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