तीसरे दौर की बातचीत भी फेल, सरकार ने किसान संगठनों को बताई 'MSP की गारंटी' नहीं देने की वजह

किसान आंदोलन के बीच सरकार और किसानों के बीच हो रही तीसरे दौर की बातचीत भी फेल हो गई है. सरकार और किसानों के बीच हुई बैठक में कोई सफलता नहीं मिली है.

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किसानों की सरकार से तीसरे दौर की बातचीत भी विफल किसानों की सरकार से तीसरे दौर की बातचीत भी विफल

कमलजीत संधू

  • नई दिल्ली,
  • 15 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:57 AM IST

केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच गुरुवार शाम को तीसरे दौर की बातचीत भी फेल हो गई है. पुलिस की तरफ से दिल्ली के सभी बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किेए गए हैं. ताजा अपडेट के अनुसार सामने आया है कि किसानों का आंदोलन जारी रहेगा. इसी के साथ अब 16 फऱवरी यानी वो तारीख आ गई है, जिसमें सिर्फ पंजाब के किसान ही नहीं, बल्कि देशभर के किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ एक साथ खड़े होंगे. किसानों ने शुक्रवार को भारत बंद का ऐलान किया है.

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किसानों ने कहा कि वे शांतिपूर्ण आंदोलन करते रहेंगे. हरियाणा सरकार हम पर गोलियां चलवा रही है. सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए. किसानों ने सरकार के सामने 13 मांगें रखी हैं, जिसमें लखीमपुर खीरी, गृह मंत्रालय, रेलवे और नए कानूनों के तहत किए गए मामलों और फर्जी बीज पर रोक लगाने जैसी मांगें शामिल हैं.

किसान आंदोलन के बीच सरकार और किसानों के बीच हो रही तीसरे दौर की बातचीत भी फेल हो गई है. सरकार और किसानों के बीच हुई बैठक में कोई सफलता नहीं मिली है. दरअसल, किसान लगातार MSP को लेकर अड़े हुए हैं. इसके साथ ही सरकार ने बताया कि एमएसपी को रातों-रात वैध क्यों नहीं किया जा सकता.

बैठक में मौजूद थे भगवंत मान, क्या बोले?

किसान और सरकार के बीच हुई बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि आज लंबी बातचीत किसानों और केंद्र के बीच हुई है. एक हफ्ते में तीसरी बैठक हुई है. किसान आंदोलन से पंजाब सबसे ज्यादा प्रभावित है. हर विषय पर बड़े विस्तार से चर्चा हुई है. बहुत ही सकारत्मक माहौल में बात हुई है. उन्होंने तीन जिले में इंटरनेट पर लगाई गई पाबंदियों पर भी बात की. सीएम मान ने बताया कि छात्रों की परीक्षाएं शुरू हो गई हैं और इंटरनेट को लेकर केंद्र सरकार के सामने मुद्दा उठाया गया है. किसानों ने बैठक में केंद्रीय मंत्रियों को आंसू गैस गोले के टुकड़े भी दिखाए. 

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सरकार ने MSP को लेकर कही ये बात

सामने आया है कि सरकार ने किसानों को बताया कि पंजाब और हरियाणा के किसानों के गेहूं और धान की एमएसपी पर खरीद पहले ही सुनिश्चित हो चुकी है.  गन्ना, देश में सबसे ज्यादा रेट पर है और कपास की एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित की गई है. फिर भी किसान सभी फसलों के लिए एमएसपी पर अड़े हुए हैं.

बैठक में कौन-कौन रहे शामिल

केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 3 दौर की बातचीत हो चुकी है. हालांकि तीनों मीटिंग बेनतीजा रही हैं, सरकार और किसानों के बीच गुरुवार शाम को तीसरे दौर की बातचीत हुई थी. इस बैठक में जगजीत सिंह दल्लेवाल (अध्यक्ष बीकेयू/सिद्धूपुर), शिव कुमार कक्का (राष्ट्रीय अध्यक्ष, आरकेएम), जरनैल सिंह (अध्यक्ष बीकेयू, खेती बचाओ), सुरजीत फुल (अध्यक्ष, बीकेयू-क्रांतिकारी), सरवन सिंह पंढेर, (समन्वयक केएमएम), अमरजीत सिंह मोहरी (अध्यक्ष, बीकेयू-शहीद भगत सिंह), सुखजिंदर खोसा (अध्यक्ष, बीकेयू/खोसा), मंजीत राय (अध्यक्ष दोआबा किसान यूनियन), बलवंत सिंह बेहरामके (अध्यक्ष, बीकेयू/बेहरामके), जसविंदर सिंह लोंगोवाल (अध्यक्ष, बीकेयू/एकता आज़ाद), कुरुबु शांता कुमार (अध्यक्ष, कर्नाटक, गन्ना किसान संघ), बचित्तर सिंह कोटला, अशोक बुलारा, लखविंदर सिंह औलख शामिल रहे.

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