'एक सीट पर दो ड्राइवर नहीं बैठ सकते', तमिलनाडु के मंत्री की राज्यपाल को धमकी, बोले- अब सीधे कोर्ट जाएंगे

तमिलनाडु के कानून मंत्री रघुुपति ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि राजभवन के पास शासन की कोई शक्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल के पास राज्य मंत्रिमंडल के फैसले को रोकने का अधिकार नहीं है. उन्हें या तो विधेयक को मंजूरी देनी चाहिए, या खारिज करना चाहिए, या राष्ट्रपति को भेजना चाहिए. राज्य विधानसभा ही एकमात्र शक्ति केंद्र है.

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राज्य सरकार के पास है शासन की शक्ति: तमिलनाडु के कानून मंत्री रघुपति. (File photo: ITG) राज्य सरकार के पास है शासन की शक्ति: तमिलनाडु के कानून मंत्री रघुपति. (File photo: ITG)

प्रमोद माधव

  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:46 PM IST

तमिलनाडु के के कानून मंत्री एस. रघुपति ने मंगलवार को राज्यपाल द्वारा विधेयकों को रोके जाने के संदर्भ में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि केवल राज्य सरकार ही शासन कर सकती है. राजभवन के पास कोई शासन शक्ति नहीं है. उन्होंने राजभवन को चेतावनी देते हुए कहा कि अब अगर विधेयक रुके तो हमें कोर्ट जाने का अधिकार है.

मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए रघुपति ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया है कि गाड़ी के ड्राइविंग सीट पर दो ड्राइवर नहीं बैठ सकते. पावर सेंटर पर दो कंट्रोल नहीं हो सकते. केवल राज्य सरकार ही शासन कर सकती है, राजभवन के पास कोई गवर्निंग पावर नहीं है.

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'राज्यभवन के पास हैं तीन विल्कप'

उन्होंने ये भी कहा कि राज्यपाल के पास विधेयकों को रोक कर रखने का अधिकार नहीं है. उन्हें या तो सहमति देनी है, या अस्वीकार करना है, या राष्ट्रपति को भेजना है– बस यही तीन विकल्प हैं.

मंत्री ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालयों का चांसलर बनाने संबंधी तमिलनाडु के पुराने कानून को बिल्कुल भी नहीं छुआ है. वह फैसला पूरी तरह बरकरार है.

'हम जा सकते हैं सीधे सुप्रीम कोर्ट'

रघुपति ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने भले ही 'उचित समय' (reasonable time) की बात कही हो, लेकिन अब राज्य सरकारों को अधिकार मिल गया है कि अगर राज्यपाल बिना वजह विधेयक रोक कर रखते हैं तो हम तीन-छह महीने इंतजार करने के बाद सीधे सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं.

'पहले हमारे पास अधिकार नहीं था'

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उन्होंने कहा, 'पहले हमारे पास यह अधिकार नहीं था. अब सुप्रीम कोर्ट ने हमें यह हक दे दिया है, अगर कोई बिल अकारण रोका गया तो हम कोर्ट जाएंगे और समाधान निकालेंगे.'

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