तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को पलटने की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगाया है. यह फैसला राज्यों की चुनी हुई सरकारों के अधिकारों की रक्षा करता है और गवर्नरों को विधानसभाओं में भेजे गए विधेयकों पर कार्रवाई करने के लिए एक निश्चित समय सीमा प्रदान करता है. सीएम स्टालिन का कहना है कि केंद्र इस फैसले को पलटने की कोशिश कर रहा है, जो राज्यों के अधिकारों को प्रभावित कर सकता है.
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने राज्यों के चुने हुए सरकारों को उनके विधायी अधिकारों के संरक्षण में मजबूत किया है. इस फैसले के पीछे संघीय ढांचे की रक्षा और संविधान की मूल संरचना को बनाए रखना है. केंद्र सरकार की यह कोशिश संघीयता को कमजोर करने की दिशा में एक बड़ा खतरा है."
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गैर-बीजेपी शासित राज्यों से एकजुट होने की अपील
मुख्यमंत्री ने सभी गैर-बीजेपी शासित राज्यों और क्षेत्रीय पार्टियों से एकजुट होने की अपील की है. उनका कहना है कि भारतीय संघ एक मजबूत संघीय व्यवस्था पर आधारित है, जहां राज्यों को उनके अधिकारों का सम्मान मिलना चाहिए. सीएम स्टालिन ने कहा, "यह समय है जब हम सब मिलकर इस लड़ाई में आगे आएं और संविधान की मूल संरचना की रक्षा करें."
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सीएम स्टालिन की चिट्ठी
यह विवाद उस समय सामने आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि राज्य के गवर्नर को विधानसभा भेजे गए बिलों पर फैसले लेने के लिए एक निश्चित समयावधि के भीतर जवाब देना होगा, ताकि राज्य सरकारें अपने फैसलों को प्रभावी रूप से लागू कर सकें. इस फैसले को राजनीतिक एक्सपर्ट्स ने राज्यों के लिए एक न्यायसंगत और संघीय अधिकारों की रक्षा में एक अहम कदम माना था.
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अगर केंद्र सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने में सक्षम हुई तो...!
मुख्यमंत्री स्टालिन ने यह भी कहा कि अगर केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने में सक्षम हो गई तो यह पूरे देश के राज्यों के अधिकारों के लिए नकारात्मक उदाहरण साबित होगा. उन्होंने सभी दलों से मिलकर इस पूरे मसले पर जोरदार विरोध करने की अपील की है.
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