तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने बीजेपी और एआईएडीएमके पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि ये दोनों पार्टियां स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के ज़रिए लोगों के मतदान अधिकार छीनकर चुनाव जीतने की कोशिश कर रही हैं.
चुनाव आयोग ने तमिलनाडु में SIR लागू करने की घोषणा की है. इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए स्टालिन ने पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखे पत्र में कहा कि बिहार में इसी प्रक्रिया के दौरान 65 लाख लोगों के वोटिंग अधिकार खत्म हो गए, और अब बीजेपी-एआईएडीएमके गठबंधन तमिलनाडु में भी ऐसा करने की योजना बना रहा है.
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सीएम स्टालिन ने कहा, "बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टी एआईएडीएमके सोच रही हैं कि मजदूर वर्ग, दलित, अल्पसंख्यक और महिलाओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाकर वो 2026 का विधानसभा चुनाव जीत सकती हैं लेकिन तमिलनाडु की जनता उन्हें करारा जवाब देगी."
गैर-लोकतांत्रिक कदमों का विरोध करेगी डीएमके
स्टालिन ने कहा कि डीएमके हमेशा से गैर-लोकतांत्रिक कदमों का विरोध करती आई है और कानूनी तरीके से इसका मुकाबला करेगी. उन्होंने कहा कि डीएमके एसआईआर का विरोध करती रही है और मतदाता सूची से संबंधित अन्य लोकतांत्रिक उपायों का समर्थन करती रही है, और वह भी पर्याप्त समय देकर.
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स्टालिन ने कहा, "डीएमके कानूनी तौर पर किसी भी अन्य अलोकतांत्रिक उपायों का सामना करने में सक्षम है और जनता के साथ मिलकर उनका सामना भी करेगी."
AIADMK के नेता की कड़ी आलोचना की
एमके स्टालिन ने विपक्ष के नेता एडप्पाड़ी के. पलानीस्वामी पर भी निशाना साधा और कहा कि वह बरसात के मौसम तक में राजनीति करने में लगे हैं, न कि जनता की मदद करने में. स्टालिन ने कहा, "उनके धान खरीद से जुड़े आरोप झूठ का पुलिंदा हैं. हम जनता के लिए काम करते रहेंगे, चाहे झूठे आरोप कुछ भी लगें."
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