तहव्वुर राणा के लिए NIA ने तैयार की हाई सिक्योरिटी सेल, केवल 'स्पेशल 12' को मिलेगा एक्सेस

Tahawwur Rana: NIA के डोजियर के अनुसार, हेडली 26/11 हमलों से पहले भारत की अपनी आठ यात्राओं के दौरान तहव्वुर राणा के संपर्क में था. उसने राणा को 231 बार कॉल की थी.यह दर्शाता है कि दोनों में दोस्ती कितनी गहरी थी और दोनों मिलकर मुंबई हमलों की साजिश रच रहे थे.

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तहव्वुर राणा तहव्वुर राणा

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 7:28 PM IST

26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड में से एक, तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद आज भारत लाया जा रहा है. अजमल कसाब के बाद तहव्वुर राणा 26/11 हमले का दूसरा गुनहगार है जो जिंदा पकड़ में आया है.

दिल्ली लैंड होने के बाद राणा को NIA मुख्यालय के उस हाई-सिक्योरिटी सेल में रखा जाएगा जहां सिर्फ ‘Special 12’ अधिकारियों को ही प्रवेश की अनुमति है जिनमें जिनमें डीजी एनआईए सदानंद दाते, आईजी आशीष बत्रा, डीआईजी जया रॉय जैसे अफसर शामिल हैं. यदि कोई अन्य अफसर वहां जाना चाहता है तो उसे पहले अनुमति लेनी होगी.

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राणा के लिए इंटरोगेशन सेल तैयार

राणा को लाने के लिए एक विशेष विमान का इंतजाम किया हैं. राणा जैसे ही दिल्ली लैंड करेगा तो उसे सीधे एनआईए के कस्टडी में सौंपा जाएगा जहां पर पहले से ही एक इंटरोगेशन सेल तैयार है. सूत्रों ने 'आज तक' को बताया कि राणा से पूछताछ के दौरान उसे 26/11 हमले से जुड़े कई ठोस सबूत दिखाए जाएंगे – जिनमें वॉइस रिकॉर्डिंग, फोटोज़, वीडियो फुटेज, और ईमेल्स शामिल हैं. 

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ये सभी सबूत डेविड हेडली और राणा के बीच की साजिश को और स्पष्ट कर सकते हैं. ये सबूत पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के साथ राणा की संलिप्तता और पाकिस्तानी सेना और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से उसके संबंधों के बारे में और जानकारी हासिल करने में अहम भूमिका निभाएंगे.

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राणा-हेडली की गहरी सांठगांठ

राणा, जो एक समय पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में सेवा दे चुका है, उसने अपने इमिग्रेशन कंसल्टेंसी बिज़नेस के ज़रिए आतंकियों को मुंबई में रेकी करने में मदद की थी.इस रेकी को पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली द्वारा अंजाम दिया गया था, जो इस वक्त अमेरिका की जेल में है.  

NIA के डोजियर के अनुसार, हेडली 26/11 हमलों से पहले भारत की अपनी आठ यात्राओं के दौरान राणा के संपर्क में था और उसने उसे 231 बार कॉल की थी.यह दर्शाता है कि दोनों की बातचीत में कितनी गहराई थी.

पहली यात्रा के दौरान: 32 कॉल्स

दूसरी यात्रा के दौरान: 23 कॉल्स

तीसरी यात्रा के दौरान: 40 कॉल्स

पांचवीं यात्रा के दौरान: 37 कॉल्स

छठी यात्रा के दौरान: 33 कॉल्स

आठवीं यात्रा के दौरान: 66 कॉल्स

26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई के 12 जगहों पर हमला किया था, जिसमें 166 लोगों की जान गई थी. इस हमले का ज़िंदा पकड़ा गया एकमात्र आतंकी अजमल कसाब था, जिसे 2012 में फांसी दी गई थी.

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