'यमुना आज वेंटिलेटर पर है! हमारी नाकामियों के कारण नदी नाला बनी...', राज्यसभा में बोलीं स्वाति मालीवाल

स्वाति मालीवाल ने कहा कि यमुना की लंबे समय से पूजा की जाती रही है, लेकिन आज 22 नाले नदी में गिरते हैं और रोजाना 238 मिलियन गैलन सीवेज इसमें डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्थिति ऐसी है कि नदी में पानी से ज्यादा जहरीला झाग तैरता हुआ दिखाई देता है.

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 राज्यसभा में अपनी बात रखतीं स्वाति मालीवाल (फोटो- पीटीआई) राज्यसभा में अपनी बात रखतीं स्वाति मालीवाल (फोटो- पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 09 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 6:03 PM IST

आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने यमुना को प्रदूषित होने से बचाने के लिए दिल्ली में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) स्थापित करने की जोरदार वकालत की. उन्होंने दिल्ली सरकार पर यमुना को साफ करने के लिए सिर्फ झूठे वादे करने का आरोप लगाया.

राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यमुना में प्रदूषण का मुद्दा उठाते हुए स्वाति मालीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के लोग भाग्यशाली हैं कि यमुना शहर से होकर गुजरती है, लेकिन त्रासदी ये है कि हमारी नाकामियों के कारण नदी नाले में बदल गई है.

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स्वाति मालीवाल ने कहा कि यमुना की लंबे समय से पूजा की जाती रही है, लेकिन आज 22 नाले नदी में गिरते हैं और रोजाना 238 मिलियन गैलन सीवेज इसमें डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्थिति ऐसी है कि नदी में पानी से ज्यादा जहरीला झाग तैरता हुआ दिखाई देता है.

स्वाति ने कहा कि नदी का केवल एक छोटा सा हिस्सा दिल्ली से होकर गुजरता है, लेकिन इसका 76 प्रतिशत हिस्सा प्रदूषित हो जाता है. उन्होंने कहा कि हर रोज फैक्ट्रियां अवैध रूप से भारी धातुओं और जहरीले रसायनों को नदी में बहा रही हैं और कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

पीटीआई के मुताबिक मालीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 2021 में वादा किया था कि वह 2025 से पहले यमुना को इतना साफ कर देगी कि कोई भी इसमें डुबकी लगा सकेगा, लेकिन हजारों करोड़ खर्च करने के बाद भी स्थिति वैसी ही है जैसी पहले थी. स्थिति बहुत खराब है. यमुना हमारी मां है और वह वेंटिलेटर पर है. केवल राजनीति की जा रही है. उन्होंने दिल्ली सरकार पर झूठे वादे करने और आरोप-प्रत्यारोप में लिप्त होने का आरोप लगाया.

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स्वाति मालीवाल ने कहा कि हमें युद्ध स्तर पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने होंगे, नहीं तो यमुना ऐसी ही रहेगी. हमें केंद्र सरकार के सहयोग की भी जरूरत है. सदन में शून्यकाल के दौरान मनोनीत सांसद सुधा मूर्ति ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में मदद कर सकते हैं, और उन्होंने कई उपाय सुझाए. उन्होंने बैटरी निर्माण में भारत के आत्मनिर्भर बनने के महत्व पर भी जोर दिया. 

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