दीपावली और छठ पर्व के लिए अपने-अपने घरों को लौट रहे प्रवासी मजदूरों की भीड़ ने सूरत के उधना रेलवे स्टेशन पर तमाम व्यवस्थाओं को विफल कर दिया है. स्टेशन से लेकर बाहर की सड़कों और आसपास के रिहायशी इलाकों तक यात्रियों की लंबी लाइनें लगी हुई हैं. हर तरफ से बस एक ही आवाज़ आ रही है कि 'भैया घर जाना है, ट्रेन में जगह नहीं मिल रही…”
सूरत रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की लंबी-लंबी कतार
उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के हजारों प्रवासी मजदूर शुक्रवार रात से ही स्टेशन पर डेरा डाले हुए हैं. भीड़ इतनी अधिक है कि यात्रियों की कतारें स्टेशन परिसर से बाहर तक फैल गई हैं. बूढ़े, महिलाएं, छोटे बच्चे और युवा सब धूप और भूख-प्यास की परवाह किए बिना ट्रेन पकड़ने की उम्मीद में खड़े हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक कई लोग बीते 12 से 18 घंटे तक बिना खाना-पानी के लाइन में लगे हुए हैं. स्टेशन के बाहर हालात ऐसे हैं कि तिल रखने की भी जगह नहीं है. कई लोग प्लेटफॉर्म पर फर्श पर बैठे हैं, जबकि कुछ छांव की तलाश में आसपास के घरों और दुकानों के पास शरण लिए हुए हैं.
रेलवे प्रशासन का दावा है कि अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था की गई है, लेकिन ज़मीनी हकीकत इसके उलट नज़र आ रही है. कई यात्री टिकट होने के बावजूद ट्रेन में चढ़ नहीं पा रहे हैं. यूपी-बिहार जाने वाली ट्रेनों में सवार होने के लिए लोग रात से लाइनों में लगे हुए है लेकिन अब तक उन्हें ट्रेन नहीं मिली है.
12 घंटे से लाइन में खड़े हैं लोग
सूरत रेलवे स्टेशन पर लाइन में खड़े एक शख्स ने बताया कि उसे बिहार जाना है जिसके लिए वो रात के दस बजे से ही लाइन में खड़े हैं लेकिन 12 घंटे बाद भी उनका नंबर नहीं आ पाया है और वो लाइन में ही खड़े हैं. सड़कों पर सिर्फ यात्रियों की कतार नजर आ रही है.
वहीं सूरत रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज की ट्रेन का इंतजार कर रहे एक शख्स ने कहा कि वो शाम सात बजे से अपने घर जाने के लिए लाइन में खड़े हैं लेकिन अब तक उनका नंबर नहीं आया है. मुंबई और दिल्ली से भी ऐसे ही तस्वीरें सामने आ रही है जहां स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ नजर आ रही है और ट्रेन के अंदर भी लोग ठसाठस भरे हुए हैं.
संजय सिंह राठौर