सुप्रीम कोर्ट में उस मामले की सुनवाई हुई जिसमें देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया की वैधता को चुनौती दी गई है. इसी दौरान वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि आज देश में बहुत से लोग चुनाव आयोग को 'निरंकुश तानाशाह' की तरह देख रहे हैं.
उनकी इस टिप्पणी पर CJI सूर्यकांत ने तुरंत हस्तक्षेप किया और कहा, “मिस्टर भूषण, कृपया इस तरह की टिप्पणियां न करें. आप सिर्फ अपने दलीलों तक सीमित रहें.”
इस बीच, केरल में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों के चलते राज्य सरकार ने SIR को स्थगित करने का अनुरोध किया था. कोर्ट ने इस पर भी गंभीरता से विचार किया.
निर्वाचन आयोग ने बताया कि SIR के लिए 25,000 अलग कर्मचारी लगे हैं और चुनाव के लिए अलग टीमें हैं, इसलिए प्रक्रिया बाधित नहीं होगी. कोर्ट ने समयसीमा 4 दिसंबर से बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दी.
CJI ने यह भी कहा कि समस्या सरकारी मशीनरी को नहीं, बल्कि राजनीतिक दलों को है. अदालत ने केरल की सभी पार्टियों से बुधवार शाम 5 बजे तक अपनी औपचारिक मांगें देने को कहा और EC को निर्देश दिया कि वह दो दिनों में इन मांगों पर 'सहानुभूतिपूर्वक' निर्णय ले.
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केरल में दिसंबर के दूसरे हफ्ते में स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं. इसलिए राज्य सरकार ने वोटर लिस्ट के SIR को स्थगित करने की मांग वाली याचिका दायर की थी.
SIR पर देशभर में उठ रही बहस को देखते हुए कोर्ट की यह सुनवाई काफी अहम मानी जा रही है.
संजय शर्मा