5 लाख आवारा कुत्ते, 37 लाख डॉग बाइट, रेबीज से डेथ के बढ़ते आंकड़े... स्ट्रीट डॉग्स को लेकर समस्या कितनी बड़ी?

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आवारा कुत्तों की समस्या पर कड़ा रुख अपनाते हुए दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को 8 सप्ताह में शेल्टर होम में स्थानांतरित करने का आदेश दिया, जहां नसबंदी और टीकाकरण होगा. कुत्तों को सड़कों पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा.

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आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट क्यों हुआ सख्त (Photo: PTI) आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट क्यों हुआ सख्त (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:52 PM IST

दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर समाज दोफाड़ नजर आ रहा है. कोर्ट ने लावारिस कुत्तों की समस्या को बेहद गंभीर बताते हुए राजधानी और एनसीआर की सरकारों को आठ सप्ताह के भीतर शेल्टर होम में कुत्तों को रखने के निर्देश दिए हैं. लेकिन सवाल है कि आखिर कोर्ट को यह कदम क्यों उठाना पड़ा?

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कोर्ट ने 28 जुलाई को दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों की समस्या और इससे जुड़े डॉग बाइट एवं रेबीज से होने वाली मौतों के बढ़ते आंकड़ों पर स्वतः संज्ञान लिया था. अकेले 2024 में देशभर में 37 लाख से अधिक डॉग बाइट के मामले दर्ज हुए थे, जिनमें से 5.19 लाख से ज्यादा पीड़ित 15 साल से कम उम्र के बच्चे थे.

आंकड़ों पर गौर करें तो दिल्ली में रेबीज से 54 संदिग्ध मौतें हुईं, जो 2023 की 50 मौतों की तुलना में कहीं अधिक हैं. दिल्ली में हर दिन औसतन 2,000 डॉग बाइट की घटनाएं सामने आ रही हैं और 2024 में जनवरी से जून तक 35,198 पशु काटने की घटनाएं दर्ज की गईं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वैश्विक रेबीज से होने वाली मौतों में से 36 फीसदी भारत में होती है, जो इस समस्या की गंभीरता को बताता है.

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2024 में 37 लाख से अधिक डॉग बाइट के मामले दर्ज हुए हैं. दिल्ली में डॉग बाइट के मामलों में 2023 की तुलना में 143 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिससे खतरा बढ़ा है.

रेबीज जो कुत्तों के काटने से होता है. यह 100 फीसदी घातक है और अगर समय पर रेबीज का टीका ना लगाया जाए तो इससे मौत हो सकती है. 2024 में रेबीज से 54 मौतें हुईं. लेकिन इसमें प्रशासन की भी निष्क्रियता है. पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम 2023 के तहत नसबंदी और टीकाकरण के बावजूद दिल्ली में 10 लाख आवारा कुत्तों में से आधे से भी कम की नसबंदी हुई, जिससे आबादी नियंत्रण में विफलता दिखी.

कोर्ट ने अपने आदेश में क्या-क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आवारा कुत्तों की समस्या पर कड़ा रुख अपनाते हुए दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को 8 सप्ताह में शेल्टर होम में स्थानांतरित करने का आदेश दिया, जहां नसबंदी और टीकाकरण होगा. कुत्तों को सड़कों पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा.

इसके साथ ही एक सप्ताह में डॉग बाइट की शिकायतों के लिए हेल्पलाइन शुरू करने का निर्देश दिया गया. शेल्टर प्रक्रिया में बाधा डालने वालों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की चेतावनी दी गई. दिल्ली सरकार को वैक्सीन स्टॉक और इलाज की जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश दिया. साथ ही 5,000 कुत्तों की क्षमता वाले शेल्टर होम बनाने और प्रशिक्षित कर्मचारियों की तैनाती करने का निर्देश दिया गया. 

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