सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंजाब सरकार को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वह 20 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत को लेकर तुरंत कदम उठाए. अदालत ने कहा कि इंसानी जीवन किसी भी चीज से ज्यादा कीमती है और इस मामले में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुयान की बेंच ने यह भी कहा कि अगर किसान अपनी मांगें सीधे कोर्ट के सामने रखना चाहते हैं, तो वे ऐसा कर सकते हैं. बेंच ने कहा, 'हमने अपना मंच खोला है ताकि उनकी आवाज सुनी जा सके.'
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सुनवाई के दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कोर्ट को बताया कि पंजाब सरकार, यूनियन के प्रतिनिधि और जगजीत सिंह डल्लेवाल के बीच बातचीत हुई है. लेकिन डल्लेवाल ने मेडिकल टेस्ट करवाने से मना कर दिया, और हाई पावर कमेटी से बात करने को तैयार नहीं हैं.
बेंच ने डल्लेवाल की उम्र और उनकी सेहत पर चिंता जताते हुए पंजाब सरकार को निर्देश दिए कि स्थिति को संभालने में कोई देरी न हो. बेंच ने कहा, 'यह मामला बहुत गंभीर है. वह जनता के नेता हैं, किसानों के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं. अगर कोई अनहोनी होती है, तो पूरी राज्य मशीनरी पर इसका दोष आएगा. समय बहुत नाजुक है, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि कुछ भी गलत न हो.'
पंजाब के एडवोकेट जनरल ने कहा, 'अगर केंद्र से कोई आश्वासन मिल जाए, तो हम स्थिति को बेहतर तरीके से संभाल सकते हैं.' इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, 'हमने एक कमेटी बनाई है, जो एक सहभागी प्रक्रिया है. आप किसानों को भरोसा दिला सकते हैं. जो भी उनकी जायज मांगें होंगी, हम उन्हें संबोधित करने के लिए संबंधित पक्षों को प्रेरित करेंगे.'
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सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार दोपहर 2 बजे तय की है और पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि डल्लेवाल को तुरंत मेडिकल सहायता मुहैया कराई जाए.
गौरतलब है कि कोर्ट हरियाणा की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा दोनों राज्यों के बीच शंभू बॉर्डर को अनब्लॉक करने का निर्देश दिया गया था.
कनु सारदा