क्रिकेट टीम में सरफराज खान की अनदेखी? ओवैसी और शमा के दावे पर क्या बोले AIMIM, कांग्रेस और सपा के मुस्लिम नेता

मुस्लिम नेताओं और पूर्व क्रिकेटरों ने सर्फराज खान को इंडिया ए टीम में न चुनने को धार्मिक पक्षपात के रूप में बताया है. घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बावजूद सरफराज को टीम में जगह नहीं मिली, जिससे निष्पक्षता पर सवाल उठे. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और AIMIM के नेताओं ने इस फैसले की आलोचना की.

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सरफराज खान का टीम ए स्क्वाड में सेलेक्शन नहीं हुआ है. (File Photo) सरफराज खान का टीम ए स्क्वाड में सेलेक्शन नहीं हुआ है. (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 8:45 PM IST

भारत के सीनियर राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में सरफराज खान के चयन न होने को लेकर मुस्लिम नेताओं ने बुधवार को कोच गौतम गंभीर पर धार्मिक पक्षपात का आरोप लगाया. मंगलवार को इंडिया ए स्क्वॉड के लिए सरफराज के चयन से बाहर रहने के फैसले ने घरेलू क्रिकेट के इस लगातार प्रदर्शन करने वाले बल्लेबाज के साथ कथित अन्याय पर बहस फिर से शुरू कर दी है. कांग्रेस ने प्रवक्ता शमा मोहम्मद के बयान से दूरी बना ली है, जबकि सपा नेता समर्थन में नजर आए.

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कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शमा मोहम्मद के एक्स पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, "पॉलिटिक्स का क्रिकेट से कोई लेना-देना नहीं है. हमारी टीम में मुसलमान खिलाड़ी हैं जो देश का नाम रोशन कर रहे हैं. मैं उनके बयान से सहमत नहीं हूं."

सपा नेता अबू आसिम अज़मी ने कहा, "...यह सच है कि मुसलमानों के साथ हर क्षेत्र में सम्मान का अभाव है, उन्हें नमाज अदा करने तक की अनुमति नहीं है. जो खिलाड़ी अच्छा खेल रहे हैं, उन्हें धर्म की परवाह किए बिना मौका मिलना चाहिए."

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के सरफराज खान के इंडिया ए में चयन न होने पर सवाल उठाने के बाद, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा, "ओवैसी साहब ने X पोस्ट में पूछा कि सरफराज को इंडिया ए टीम में क्यों नहीं चुना गया. उनका औसत पिछले पांच वर्षों में 110.47 है, 10 शतक, 5 अर्धशतक और 2,500 रन बनाए हैं. पहले उन्हें फिट न बताया गया, अब उन्होंने 17 किलो वजन घटाया और फिट हैं, फिर भी उन्हें मौका क्यों नहीं दिया गया, पूरा देश पूछ रहा है. क्या यह उनके 'सर्नेम' के कारण है?"

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पूर्व क्रिकेटर अतुल वासन ने कहा, "...मुझे लगता है कि क्रिकेट सिस्टम के हिस्से के रूप में, एक पूर्व खिलाड़ी के रूप में मुझे शर्म महसूस होती है कि किसी पार्टी प्रवक्ता ने ऐसा कहा. हमारे पड़ोसियों को देखो, कैसे खिलाड़ियों को जीवित रहना पड़ा. किसी को जीने के लिए धर्म बदलना पड़ा. हिंदू खिलाड़ियों को अलग किया गया. ऐसा यहां कभी नहीं हुआ."

वासन ने आगे कहा, "बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. जब भी खेल में साम्प्रदायिक कार्ड खेला जाता है, मुझे अंदर से बुरा लगता है. मैंने क्रिकेट खेला, हमने कभी किसी खिलाड़ी को उनके समुदाय के आधार पर नहीं देखा. सरफराज वहां होना चाहिए था. यह पूरी तरह से क्रिकेटिंग मुद्दा है, जिसे हम सेलेक्टर की राय से अलग देख सकते हैं. लेकिन किसी समुदाय के आधार पर इस तरह का माहौल देना भारतीय क्रिकेट सिस्टम का अपमान है."

सरफराज खान पर, सपा सांसद जिया उर रहमान बार्क ने कहा, "यह कभी नहीं हुआ कि किसी खास धर्म के लोग ही देश के लिए गौरव या सम्मान लेकर आए हों. हर धर्म और जाति के लोगों ने हमेशा देश के लिए खेला है और देश का मान बढ़ाया है. हमारी मुस्लिम समुदाय ने हमेशा इसमें योगदान दिया है, और सभी धर्मों के लोग उत्साहपूर्वक हिस्सा लेते रहे हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी की प्रदर्शन अच्छी होने पर उसे केवल धर्म के आधार पर हटाया जाए, क्योंकि यह हमारे संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन होगा. अगर ऐसा होता है, तो मैं भी संसद की खेल मामलों की स्थायी समिति का सदस्य हूं और मैं इस मुद्दे को उठाने की कोशिश करूंगा."

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