रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीन रक्षा कंपनियों म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL), आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (AVNL) और इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (IOL) को मिनीरत्न (कैटेगरी-I) का दर्जा देने की मंजूरी दे दी है. इन कंपनियों को बधाई देते हुए राजनाथ सिंह ने खुशी जताई कि सिर्फ तीन साल में ये सरकारी संगठन से मुनाफा कमाने वाली कंपनियां बन गई हैं. उन्होंने MIL, AVNL और IOL की मैनेजमेंट की तारीफ की जिन्होंने कंपनी का टर्नओवर बढ़ाने, स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देने और मिनीरत्न दर्जे के लिए जरूरी मानकों को पूरा किया.
म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL) की उपलब्धियां
MIL ने पिछले तीन साल में शानदार प्रदर्शन किया है. इसकी बिक्री 2021-22 में 3314 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 8214 करोड़ रुपये (अनुमानित) हो गई, यानी 200% से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई. निर्यात के मामले में भी MIL ने कमाल किया. साल 2021-22 में 22.55 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 3081 करोड़ रुपये का निर्यात इसके नाम रहा. MIL छोटे, मध्यम और बड़े कैलिबर के गोले, मोर्टार, रॉकेट, हथगोले वगैरह बनाती है. कंपनी खुद ही विस्फोटक सामग्री, प्रणोदक (प्रोपेलेंट) और शुरुआती मिश्रण बनाती है.
कैसा रहा आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (AVNL) का प्रदर्शन
AVNL ने भी जबरदस्त तरक्की की है. इसकी बिक्री 2021-22 में 2569.26 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 4946 करोड़ रुपये (अनुमानित) हो गई, यानी करीब 190% की बढ़ोतरी कंपनी ने हासिल की. AVNL ने T-72, T-90 और BMP-II जैसे प्लेटफॉर्म्स के इंजनों को 100% स्वदेशी बना लिया है. कंपनी के मुख्य उत्पादों में बख्तरबंद और लड़ाकू वाहन (T-90, MBT अर्जुन, BMP-II सरथ), सहायक वाहन (MPV, AERV) और डिफेंस मोबिलिटी सॉल्यूशंस (स्टैलियन, LPTA) शामिल हैं.
इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (IOL) की कामयाबी
IOL ने भी तीन साल में अपनी बिक्री को 562.12 करोड़ रुपये (2021-22) से बढ़ाकर 1541.38 करोड़ रुपये (2024-25, अनुमानित) कर लिया, यानी 250% से ज्यादा की बढ़ोतरी हासिल की है. IOL के मुख्य उत्पाद ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और विजन उपकरण हैं जो T-90, T-72 टैंकों, BMP-II, आर्टिलरी गन और नौसेना की बंदूकों में इस्तेमाल होते हैं.
मिनीरत्न दर्जे का होगा ये फायदा
मिनीरत्न (कैटेगरी-I) का दर्जा मिलने से इन कंपनियों को ज्यादा स्वायत्तता मिलेगी. इससे वे तेजी से तरक्की कर सकेंगी, रक्षा उत्पादन बढ़ा सकेंगी और निर्यात में भी इजाफा कर सकेंगी. इस दर्जे से कंपनियों को अपने फैसले लेने में आसानी होगी और वे नए क्षेत्रों में काम कर सकेंगी.
क्यों लिया गया यह फैसला
पहले ये कंपनियां ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) का हिस्सा थीं. 1 अक्टूबर 2021 को OFB को खत्म करके सात नई रक्षा कंपनियां बनाई गईं, जिनमें ये तीन कंपनियां भी शामिल हैं. इस बदलाव का मकसद इन कंपनियों को ज्यादा स्वतंत्रता देना, उनकी कार्यक्षमता बढ़ाना और नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करना था. MIL और AVNL को शेड्यूल ‘A’ कंपनी का दर्जा मिला है, जबकि IOL शेड्यूल ‘B’ कंपनी है. ये सभी रक्षा उत्पादन विभाग (DDP) के तहत काम करती हैं.
शिवानी शर्मा