राजस्थान में सर्दी का काफी ज्यादा प्रकोप देखने को मिल रहा है. प्रदेश के फतेहपुर में सातवें दिन पारा माइनस से एक डिग्री दर्ज किया गया है. 6 दिनों से यहां पारा माइनस में चल रहा था. सातवें दिन मंगलवार को पारा 1 डिग्री दर्ज किया गया. राजस्थान के सबसे ठंडे शहर फतेहपुर शेखावाटी में सातवें दिन पारा माइनस से एक डिग्री तक पहुंचा. मौसम का असर फसलों पर भी पड़ रहा है. बैंगन, मिर्च, टमाटर, खीरा, टिंडा, आंवला और बेर सहित अन्य फसलों पर पाले की मार दिख रही है. कई इलाकों में पाले के कारण सब्जी की फसलें झुलस गई हैं. मंडी में पहले हर रोज 120 टन सब्जियां आती थीं, लेकिन अब हर मंडी में रोज 20 टन सब्जियां ही आ रही हैं.
फसलों पर दिख रहा ठंड का असर
किसानों के अनुसार, ठंड का सबसे ज्यादा असर सब्जियों की फसलों में हुआ है. मिर्च, बैंगन, टमाटर, खीरा, टौंडा आदि फसलों के पत्ते मुरझाने लगे हैं. 50 प्रतिशत से ज्यादा फसलों की ग्रोथ रुक गई है. फसलों पर पाला पड़ने से मंडी में सब्जियों की आवक कम होने लगी है. कारोबारियों के अनुसार, तीन दिन में सीकर मंडी में 20 से 25 प्रतिशत तक सब्जियों की आवक कम हो गई है. पहले हर दिन करीब 120 टन सब्जियां मंडी में आती थी, जो अब 100 टन हो गई है. हालांकि, महाराष्ट्र और नासिक सहित दूसरे राज्यों से आने वाली सब्जियों के थोक मार्केट में भाव स्थिर हैं. पाले से अगेती बुवाई वाली सरसों की फसल में भी नुकसान माना जा रहा है. उद्यान विभाग के अनुसार जिले में फिलहाल 5 हजार हेक्टेयर से ज्यादा रकबे में सब्जियों की खेती की गई है. इसमें दो हजार हेक्टेयर से ज्यादा खुली जगह में सब्जियों की खेती है. खुली जगह में एक हजार हेक्टेयर से ज्यादा फसल सर्दी से खराब हो चुकी है.
सर्दियों में बांटा जा रहा गर्म प्रसाद
ठंड इतनी है कि भगवान को भी गर्म पदार्थ का भोग लगाया जा रहा है. सर्दी में भगवान को गर्म कपड़े पहनाए जा रहे हैं. फतेहपुर के जानकी वल्लभ मंदिर छोटा बाजार में एक महीने तक 1 क्विंटल प्रसाद का रोज भक्तों में वितरण किया जाता है. जिसमें भक्तों को गर्म-गर्म खीरानंद पकौड़ी वितरण की जाती है. यहां के महंत गापेशाचार्य महाराज के सनिध्य में रोजाना यह कार्यक्रम चलता है.
गेहूं और जौ की फसलों पर जमने लगी बर्फ, नुकसान की आशंका
लगातार पारा जमाव बिंदु के नीचे रहने से सब्जियों के साथ रबी सीजन की फसलों में भी पाले का असर दिखने लगा है. सुबह के समय गेहूं और जौ की फसलों के पत्तों पर देर सुबह आठ बजे तक ओस की बूंदें जमी रहीं. काफी स्थानों पर फसलों के साथ खाली खेतों में भी बर्फ जमी रही. इसके साथ ही नलों के पानी और खुले में रखे बर्तनों का पानी भी बर्फ में तब्दील हो गया.
किसान कर रहे हैं फसलों का सर्दी से बचाव
लगातार माइनस में चल पारे को देखते हुए किसानों ने फसलों को सर्दी से बचाव करने के लिए उपाय शुरू कर दिए हैं. किसान सब्जियों को नुकसान से बचाने के लिए लोटनल से ढकने लगे हैं. दूसरा, रात के समय गर्म पानी चलाकर भी फसलों का पाले से बचाव कर रहे हैं. पाले की ज्यादा मार फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़, धोद, पिपराली और खंडेला के मैदानी क्षेत्रों में मानी जा रही है.
फसलों को पाले से बचाने का तरीका
उद्यान विभाग के उपनिदेशक हरदेव सिंह बाजिया का कहना है कि छह दिन से लगातार माइनस में तापमान रहने से सब्जियों में नुकसान संभव है. नुकसान की क्या स्थिति है, ये फील्ड रिपोर्ट से ही साफ हो पाएगा. हालांकि, किसान समय रहते बचाव के उपाय करें तो फसलों का बचाव कर सकते हैं. पाला और शीतलहर से बचाव के लिए किसानों को डिमांड के अनुसार गंधक के तेजाब और थायो यूरिया का छिड़काव करना चाहिए. वहीं, रात के समय खेत की उत्तरी-पूर्वी दिशा में धुआं कर या सिंचाई कर भी बचाव किया जा सकता है.
विभाग ने जारी किया शीतलहर का अलर्ट
मौसम विभाग ने मंगलवार को भी झुंझुनू, सीकर और चूरू के अलावा अलवर और हनुमानगढ़ जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया है. प्रदेश में आगामी दिनों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा. शीतलहर के दबाव की वजह से तापमान में खासा उतार-चढ़ाव आने की संभावना नहीं है. शीतलहर का दबाव एक सप्ताह तक जारी रहने की संभावना है.
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