महाराष्ट्र-केरल के यात्रियों को राजस्थान आने पर दिखाना होगा RT-PCR टेस्ट का नेगेटिव रिपोर्ट

महाराष्ट्र एवं केरल से राजस्थान में आगमन पर यात्रा शुरू करने के 72 घंटे के भीतर करवाए गए आरटी-पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही रेलवे स्टेशन एवं हवाई अड्डे पर उनकी स्क्रीनिंग करने के भी निर्देश दिए हैं.

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शरत कुमार

  • जयपुर,
  • 26 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 9:22 AM IST

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महाराष्ट्र एवं केरल से राजस्थान में आने वाले यात्रियों के लिए नियम कड़े कर दिए हैं. अब इन दोनों राज्यों से राजस्थान में आगमन पर यात्रा शुरू करने के 72 घंटे के भीतर करवाए गए आरटी-पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही रेलवे स्टेशन एवं हवाई अड्डे पर उनकी स्क्रीनिंग करने के भी निर्देश दिए हैं.

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गहलोत ने कहा कि कोरोना अभी तक पूरी तरह गया नहीं है. कुछ दिनों में केरल एवं महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में इसके मामले तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में प्रदेशवासी सतर्क और सजग रहें. मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने सहित अन्य हैल्थ प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना सुनिश्चित की जाए. 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कुशल प्रबंधन के कारण प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में आने के बाद राज्य सरकार ने व्यावसायिक एवं सामाजिक गतिविधियों में छूट दी थी, लेकिन ऐसा देखने में आया है कि कुछ लोग कोविड प्रोटोकॉल की पालना को लेकर गंभीरता नहीं बरत रहे हैं. इसे देखते हुए उन्होंने प्रदेशभर में मार्च के प्रथम सप्ताह से पुनः जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. 

यह अभियान सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग तथा स्वायत्त शासन विभाग द्वारा चलाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ना चिंता का विषय है, क्योंकि यह बीमारी कब क्या रूप ले ले कोई नहीं जानता. इसे देखते हुए कुछ राज्यों ने आवागमन पर फिर पाबंदियां लगाना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश कोविड की तीसरी लहर से बचा रहे, इसके लिए जरूरी है कि हम पूरी सावधानी रखें. कोविड प्रोटोकॉल की लगातार प्रभावी पालना हो और लोग अनुशासन में रहें.

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उन्होंने कहा कि होर्डिंग, बैनर, पेम्पलेट, सोशल मीडिया, रेडियो, टीवी सहित अन्य माध्यमों से लोगों को लगातार जागरूक किया जाए. गहलोत ने कोविड वैक्सीनेशन की समीक्षा करते हुए कहा कि हालांकि राजस्थान टीकाकरण के मामले में अग्रणी राज्य है, लेकिन कोरोना से बचाव के लिए शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के प्रयास किए जाएं. लोगों के बीच टीकाकरण की भ्रांतियों को दूर करने के साथ ही उन्हें इसके फायदों के बारे में जागरूक किया जाए.

उन्होंने वैक्सीनेशन अभियान को और व्यापक एवं प्रभावी बनाने के लिए राज्य के अब तक के अनुभव के आधार पर केन्द्र सरकार को पत्र लिखने के भी निर्देश दिए. शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य  सिद्धार्थ महाजन ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि प्रदेश में अब कोरोना के एक्टिव केस मात्र 0.38 प्रतिशत हैं और हमारी रिकवरी रेट 98.75 प्रतिशत हो गई है. राज्य में केस डबलिंग टाइम 2521 दिन हो गया है, जबकि भारत का केस डबलिंग टाइम 586 दिन है. 

उन्होंने बताया कि प्रदेश में पंजीकृत हैल्थ केयर एवं फंटलाइन वर्कर्स में से अब तक 79 प्रतिशत को कोविड-19 टीकाकरण की पहली खुराक दी जा चुकी है, जबकि राष्ट्रीय औसत 59.7 प्रतिशत है. शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग भवानी सिंह देथा ने बताया कि प्रदेश में प्रतिदिन करीब 40 हजार मास्क का वितरण किया जा रहा है. अब तक करीब 1 करोड़ 75 लाख मास्क वितरित किए गए हैं.

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सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी ने बताया कि प्रदेशभर में कोविड-19 प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना तथा वैक्सीनेशन के लिए डिजिटल वॉल पेंटिंग, टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया, बसों पर पैनल सहित अन्य माध्यमों से निरंतर प्रचार - प्रसार किया जा रहा है.

 

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