कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उत्तराखंड के युवा पत्रकार राजीव प्रताप की मौत को लेकर गंभीर चिंता जताई है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट X पर इसे लेकर ट्वीट किया. राहुल गांधी ने कहा कि एक ईमानदार पत्रकार का लापता होना और फिर मृत पाए जाना केवल दुखद ही नहीं बल्कि भयावह है. ट्वीट कर शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि इस कठिन समय में वह पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं.
राहुल गांधी ने लिखा, 'उत्तराखंड के युवा पत्रकार राजीव प्रताप जी का लापता होना और फिर मृत पाया जाना सिर्फ़ दुखद नहीं, भयावह है. इस मुश्किल वक्त में शोकाकुल परिवार को अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और उनके साथ खड़ा हूं. BJP राज में आज ईमानदार पत्रकारिता भय और असुरक्षा के साये में जी रही है. जो सच लिखते हैं, जनता के लिए आवाज उठाते हैं, सत्ता से सवाल पूछते हैं, उन्हें धमकियों और हिंसा से चुप कराने की कोशिश की जा रही है. राजीव जी के साथ हुआ पूरा घटनाक्रम ऐसे ही षड़यंत्र की ओर इशारा करता है. राजीव जी की मृत्यु की अविलंब निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होनी चाहिए और पीड़ित परिवार को बिना देरी न्याय मिलना चाहिए.'
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पत्रकार राजीव प्रताप के लापता होने और फिर मौत की पूरी घटना किसी गहरे षड़यंत्र की ओर इशारा करती है. राहुल गांधी ने सरकार से मांग की कि इस मामले की अविलंब निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होनी चाहिए ताकि दोषियों को सजा मिल सके और पीड़ित परिवार को बिना देरी न्याय मिल सके.
18 सितंबर लापता थे राजीव
18 सितंबर की रात से पत्रकार राजीव प्रताप लापता थे. पुलिस ने बताया कि वे अपने दोस्त की कार लेकर ज्ञानसू से गंगोरी की ओर निकले थे, लेकिन घर नहीं लौटे. अगली सुबह स्यूणा के पास भागीरथी नदी किनारे उनकी क्षतिग्रस्त कार मिली, जिसमें केवल उनकी चप्पलें पाई गईं. लगातार दस दिन की खोजबीन के बाद रविवार को पुलिस और आपदा प्रबंधन की संयुक्त टीम ने उनका शव जोशियाड़ा बैराज से बरामद किया.
राजीव के परिवार के क्या हैं आरोप?
राजीव के भाई आलोक प्रताप सिंह का कहना है कि जिला अस्पताल की खस्ता हालत उजागर करने वाला वीडियो सामने आने के बाद से ही राजीव को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं. आलोक के अनुसार, राजीव के शरीर पर मौजूद चोटें कार के नदी में गिरने की आशंका से मेल नहीं खातीं. उन्होंने यह भी बताया कि जिस सीसीटीवी फुटेज की बात हो रही है, वह वास्तविक घटनास्थल से लगभग 800 मीटर दूर का है. आलोक ने यह खुलासा भी किया कि बीते फरवरी में कुछ लोग उनके घर आए थे और नशे की हालत में राजीव को धमकाया था.
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