'अगर केंद्र बातचीत करे तभी चिकित्सा सहायता लेंगे डल्लेवाल...,' सुप्रीम कोर्ट में प्रदर्शनकारी किसानों ने रख दी शर्त

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत को लेकर सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच ने मंगलवार को एक बार फिर सुनवाई की है. इस दौरान किसानों की ओर से कोर्ट में कहा गया है कि अगर केंद्र सरकार बातचीत करने को तैयार होती है, तभी जगजीत सिंह डल्लेवाल मेडिकल सहायता लेंगे.

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शंभू बॉर्डर पर किसान धरना दे रहे हैं और दिल्ली मार्च के लिए अड़े हैं. (फाइल फोटो- PTI) शंभू बॉर्डर पर किसान धरना दे रहे हैं और दिल्ली मार्च के लिए अड़े हैं. (फाइल फोटो- PTI)

कनु सारदा / संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST

हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पिछले 10 महीने से किसान डटे हैं. वहां किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 35 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं. उनकी सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच ने मंगलवार को एक बार फिर सुनवाई की, इस दौरान किसानों की ओर से कोर्ट में कहा गया कि अगर केंद्र सरकार बातचीत करने के लिए तैयार होती है, तभी किसान नेता जगजीत सिंह डल्‍लेवाल मेडिकल सहायता लेंगे. 

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सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुधांशु धूलिया की विशेष अवकाश पीठ ने मंगलवार को सुनवाई की और पंजाब सरकार को डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता देने के निर्देशों का पालन करने के लिए और समय दिया है. इससे पहले 28 दिसंबर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल को मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश का अमल नहीं करने पर पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी.

अब स्पेशल बेंच ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल की सेहत और किसानों से बैठक कर समुचित हल निकलने के लिए दो दिनों की मोहलत दी है.

आदेशों का हर हाल में पालन हो

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे आदेशों का हर हाल में पालन किया जाना चाहिए और केंद्र सरकार हरसंभव सहायता देगी. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा कि आप कुछ और समय दिए जाने की मांग क्यों कर रहे हैं. पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि कुछ जिम्मेदार लोग डल्लेवाल से बात करने गए थे. कल दो चीजें हुईं. पहली, पंजाब बंद की घोषणा की गई थी, जिसकी वजह से पूरे पंजाब में नाकेबंदी हो गई. दूसरी, केंद्र सरकार को प्रस्ताव दिया गया है कि अगर डल्लेवाल को बातचीत का प्रस्ताव मिलता है तो वो मेडिकल सहायता लेने के लिए तैयार हैं.

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दरअसल, सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता गुरविंदर सिंह ने बेंच को बताया कि हस्तक्षेपकर्ता और वार्ताकार धरनास्थल पर गए थे और कोर्ट के आदेश का अनुपालन करवाने का प्रयास किया था. प्रदर्शनकारी किसानों ने प्रस्ताव दिया है कि अगर केंद्र उनसे बात करने के लिए तैयार है और इसका न्योता दिया जाता है तो डल्लेवाल चिकित्सा सहायता लेंगे.

डीजीपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहे

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की मांग पर समय बढ़ा दिया और कहा कि अगली सुनवाई 2 जनवरी 2025 को होगी. मंगलवार की सुनवाई के दौरान पंजाब के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहे. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को अगली सुनवाई में भी वर्चुअली मौजूद रहने के लिए कहा है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट, डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता देने के अदालती आदेश का पालन नहीं किए जाने पर मुख्य सचिव और डीजीपी के खिलाफ अवमानना ​​याचिका पर सुनवाई कर रहा है. शीर्ष अदालत पंजाब और हरियाणा राज्यों के बीच शंभू बॉर्डर को खोलने के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश के खिलाफ हरियाणा की याचिका पर भी सुनवाई कर रही है.

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